गुरुग्राम : ज्यादा शिकायतें आई तो समझा जाएगा अधिकारी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे : जेपी दलाल
गुरुग्राम, 09 जनवरी। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक में ऐजेंडे के साथ ही आमजन से ज्यादा शिकायतें प्राप्त होती है तो यह मान लिया जाएगा कि संबंधित अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके से निवर्हन नहीं कर रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि जनता की जो भी जायज समस्याएं हों उनका तय समय मे समाधान हो। यह बात उन्होंने सोमवार को यहां सिविल लाइन्स स्थित स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद् हॉल परिसर की मासिक बैठक में कही।
इस बैठक में कृषि मंत्री के समक्ष कुल 16 शिकायतें अथवा समस्याएं रखी गई, जिनमें से 10 शिकायतों का मौके पर निपटारा कर दिया गया जबकि शेष 6 शिकायतों को लंबित रखते हुए एक निश्चित समय अवधि में उनके निवारण के निर्देश दिए गए हैं। मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली में जनता ही मालिक होती है, ऐसे में उनकी समस्याओं का निवारण करना हर अधिकारी का दायित्व है। बैठक में कृषि मंत्री के समक्ष गांव धनवापुर में एक व्यक्ति के खेत के नजदीक इंडिया बुल्स कंपनी द्वारा की गई खुदाई का मामला रखा गया। शिकायतकर्ता ने कृषि मंत्री को बताया कि गांव धनवापुर में उसकी तीन एकड़ कृषि भूमि के साथ लगती जमीन में इंडिया बुल्स कंपनी ने करीब चार वर्ष पूर्व बेसमेंट की खुदाई की थी। जिसके चलते बारिश के समय उसकी खेत की मिट्टी का कटाव हो जाता है। वहीं बेसमेंट की चार दिवारी ना होने के चलते जलभराव के समय किसी भी अप्रिय घटना होने का अंदेशा बना रहता है। कृषि मंत्री ने उपायुक्त निशांत कुमार यादव को जमीन के मालिकाना हक की जांच कर उसे खाली करवाने के निर्देश दिए।
बैठक में एक अन्य शिकायतकर्ता ने कृषि मंत्री को बताया कि फरूखनगर के सेक्टर-3 में अमाया ग्रीन सोसाइटी में सवसयाची इन्फ्राट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दीन दयाल आवास योजना के तहत करीब सौ लोगों को फ्लैट और प्लॉट बेचे गए थे। जिन्हें बाद में उक्त कंपनी द्वारा बिजली के 10 किलोवाट के कंस्ट्रक्शन लोड के अस्थाई कनेक्शन से बिजली के कनेक्शन दिए गए थे। ऐसे में वहां रह रहे लोगों आए दिन बिजली की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। शिकायत के संबंध में बिजली विभाग के कार्यकारी अभियंता ने कृषि मंत्री को बताया कि बिजली विभाग द्वारा उक्त बिल्डर का 1037 किलोवाट का स्वतंत्र फीडर स्वीकृत किया जा चुका है। लेकिन बिल्डर द्वारा अभी तक उक्त फीडर के लिए बैंक गारंटी के तौर पर 3.44 करोड़ रूपए की राशि जमा नहीं करवाई गई। कृषि मंत्री ने मामले की गंभीरता को देखते हुए डीटीपी एन्फोसमेेंट को आदेश दिए कि उक्त बिल्डर से इन लोगों की बिजली संबंधी आवश्यकता को नियमानुसार पूरा करवाएं अन्यथा उस सोसायटी का लाईसेंस रद्द करने की कार्रवाई अमल में लाएं।