हरियाणा

हिसार : हरियाणा राज्य फार्मेसी काऊंसिल में भ्रष्टाचार मामले में दो आरोपियों के चालान पेश

सुभाष चन्द्र अरोड़ा व सोहनलाल कंसल पर लगे आरोप सही पाए गए

चेयरमैन दिनेश अदलखां व रजिस्ट्रार राजकुमार वर्मा के मामले की जांच जारी

विजीलेंस ने चेयरमैन व रजिस्ट्रार को खाना नंबर 12 में रखा

हिसार, 04 सितम्बर (हि.स.)। हरियाणा राज्य फार्मेसी काऊंसिल में हुए सर्टिफिकेट घोटाले में विजीलेंस ने दो आरोपियों के चालान पेश कर दिए हैं। इन आरोपियों में हरियाणा राज्य फार्मेसी काऊंसिल के वाइस चेयरमैन सोहनलाल कंसल व भिवानी के सुभाष चन्द्र अरोड़ा शामिल है। दो अन्य आरोपियों अध्यक्ष चेयरमैन दिनेश अदलखां व रजिस्ट्रार राजकुमार वर्मा के मामले की जांच जारी है। फिलहाल दोनों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत न मिलने पर विजीलेंस ने उनके वाइस सैंपल जांच के लिए मधुबन भेजे गए हैं वहीं उन्हें जांच रिपोर्ट के खाना नंबर 12 में रखा गया है।

विजीलेंस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दो आरोपियों वाइस चेयरमैन सोहनलाल कंसल व सुभाष चन्द्र अरोड़ा के चालान पेश कर दिए गए हैं। इनकी जांच में विजीलेंस ने पाया है कि सुभाष चन्द्र अरोड़ा उम्मीदवारों को फंसाकर और पैसे के बदले सर्टिफिकेट के लिए तैयार करके लाता था। जब उम्मीदवार इसके लिए राजी हो जाता तो फिर उन्हें वाइस चेयरमैन सोहनलाल कंसल से मिलवा देता। इस तरह सुभाष चन्द्र अरोड़ा पर कई उम्मीदवारों को फंसाकर लाने व पैसे के बदले सर्टिफिकेट दिलवाने का आरोप है। विजीलेंस के अनुसार सुभाष चन्द्र अरोड़ा को उम्मीदवार लाने की एवज में कमीशन मिलता था और कमीशन के लालच में वह युवाओं को फंसाता था।

सोहनलाल कंसल के मामले में विजीलेंस ने जांच में पाया है कि उन्होंने पैसे लेकर उम्मीदवारों को फर्जी सर्टिफिकेट प्रदान किए। ऐसा करके उन्होंने न केवल भ्रष्टाचार किया बल्कि योग्य उम्मीदवारों की अनदेखी की। उन पर पद का दुरूपयोग करने व रिश्वत लेकर सर्टिफिकेट जारी करने का आरोप है। विजीलेंस ने अपनी जांच रिपोर्ट के आधार पर सोहन लाल कंसल व सुभाष चन्द्र अरोड़ा के चालान पेश कर दिए हैं जबकि विजीलेंस की एफआईआर में शामिल दो अन्य आरोपियों चेयरमैन दिनेश अदलखां व रजिस्ट्रार राजकुमार वर्मा के मामले की जांच जारी है।

मामले की जांच कर रहे विजीलेंस डीएसपी गौरव शर्मा से केस बारे बात किए जाने पर उन्होंने बताया कि दो आरोपियों सोहन लाल कंसल व सुभाष चन्द्र अरोड़ा पर आरोप साबित होने पर उनके चालान पेश कर दिए गए हैं। दो अन्य आरोपियों चेयरमैन दिनेश अदलखां व रजिस्ट्रार राजकुमार वर्मा के खिलाफ अभी कोई आरोप साबित नहीं हुआ है। दोनों के वाइस सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। यदि वहां से आरोप साबित होते हैं तो आगामी कार्रवाई की जाएगी। दोनों को क्लीन चिट बारे पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसे क्लीन चिट नहीं बल्कि विभागीय जांच का खाना नंबर 12 होता है, उसमें इन दोनों को रखा गया है। इसके तहत जांच में आरोप साबित होने पर आगे कार्रवाई होती है और यदि कुछ साबित नहीं होता को क्लीन चिट भी मिल सकती है। फिलहाल मामला अंडर इन्वेस्टिगेशन है।

इस संबंध में चरखी दादरी जिले के भागवी तहसील के सत्यवान पुत्र रूपचंद ने लगभग दो माह पहले दो जुलाई को विजीलेंस को शिकायत देकर आरोपियों को रंगे हाथों पकडऩे की मांग की थी। सत्यवान के अनुसार उसके लडक़े ने डी-फार्मा किया हुआ है जिस पर उसके लडक़े ने डी फार्मा सर्टिफिकेट के लिए हरियाणा राज्य फार्मेसी काऊंसिल में ऑनलाइन आवेदन कर दिया और 4150 रुपये फीस भी ऑनलाइन जमा करवा दी। तत्पश्चात उसके लडक़े ने फार्मेसी काऊंसिल के कार्यालय जाकर ऑफलाइन भी दस्तावेज जमा करवा दिए जिस पर कार्यालय के कर्मचारियों ने उसे 45 दिन में सर्टिफिकेट मिलने की बात कही। कई माह बीतने के बाद भी उसका सर्टिफिकेट नहीं आया। इसी दौरान किसी ने उसके लडक़े को बताया कि भिवानी के महम रोड स्थित विद्या नगर निवासी सुभाष चन्द्र अरोड़ा पैसे लेकर चेयरमैन दिनेश अदलखां, वाइस चेयरमैन सोहनलाल कंसल व रजिस्ट्रार राजकुमार वर्मा से मिलीभगत करके फार्मासिस्टों के रजिस्ट्रेशन करवाता है। इस पर उसके लडक़े ने सुभाष चन्द्र अरोड़ा से बात की तो उसने 65 हजार रुपये में सर्टिफिकेट दिलवाने की बात कही। इसके लिए उसने 30 हजार रुपये पहले देने व 35 हजार रुपये सर्टिफिकेट देते समय देने की बात कही। ऐसा कहते हुए उसने गुगल पे पर पैसे मांगे जिस पर उसके लडक़े ने पहली बार 20 हजार रुपये व दूसरी बार में 10 हजार रुपये उसके नंबर पर डाल दिए। घटना के दिन सुभाष चन्द्र अरोड़ा ने उसके बेटे को सूचना दी कि उसका सटिफिकेट बन गया है, इसलिए बाकी के 35 हजार रुपये अपने पिता को देकर भेज दें और सर्टिफिकेट ले जाएं। शिकायतकर्ता के अनुसार कई अन्य ने भी उसके लडक़े को बताया कि उन्होंने इसी तरह पैसे देकर सटिफिकेट बनवाए हैं। सत्यवान की शिकायत के अनुसार इस पूरे खेल में चेयरमैन दिनेश अदलखां, वाइस चेयरमैन सोहनलाल कंसल, रजिस्ट्रार राजकुमार वर्मा व सुभाष चन्द्र अरोड़ा द्वारा डी फार्मा धारक लडक़ों से हरियाणा राज्य फार्मेसी काऊंसिल में रजिस्ट्रेशन करवाने के नाम पर मोटी रकम रिश्वत के रूप में वसूली गई है।

सत्यवान की इसी शिकायत पर विजीलेंस ने सुभाष चन्द्र अरोड़ा को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था और उसकी निशानदेही पर सोहनलाल कंसल को दबोचा था। चेयरमैन व रजिस्ट्रार की पूरे केस के दौरान गिरफ्तारी नहीं हो पाई और दो आरोपियों पर आरोप साबित होने के बाद चालान पेश कर दिए गए हैं।

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