कैथल: नगर पार्षद या नगर पालिकाओं में चेयरमैन नहीं, अधिकारी करते हैं भ्रष्टाचार
पूरे मामले की तह तक जाने के लिए करवाएंगे जांच
कैथल, 05 सितंबर। नगर परिषद की चेयर पर्सन सुरभि गर्ग ने कहा है कि नगर परिषद हो या नगर पालिका अधिकारी भ्रष्टाचार करते हैं, न की चेयरमैन या प्रधान। नप-नपा प्रधानों के हस्ताक्षर की शक्तियां छीनने के बाद उनकी यह पहली प्रतिक्रिया है। उनके पास जिला पालिका आयुक्त और मुख्य कार्यकारी अधिकारी की ओर से शहर की सड़कों के संदर्भ में बिल पास करने को लेकर कुछ ऐसी फाइलें आई हैं। जो सड़काें पर हकीकत में कोई काम नहीं हुआ। इन सभी फाइलों को रोका गया है और इनकी व्यापक जांच करवाई जा रही है। ऐसे कितने ही काम हैं, जो अधिकारी अपने कमीशन के चक्कर में पालिका या परिषद प्रधान को गुमराह करके उनसे हस्ताक्षर करवा लेते हैं।
इसका मतलब यह नहीं है कि वह चेयरपर्सन भ्रष्ट हो गया। भ्रष्टाचार तो अधिकारी करते हैं। नगर परिषद कैथल की बात करें तो यहां पिछले एक साल तक कोई चेयरपर्सन नहीं था। अधिकारी ही सब काम देख रहे थे। इस अवधि के कई बिलों में गड़बड़ी मिली है। ऐसे में चेयरपर्सन की निष्ठा पर सवाल खड़ा किया जाना सही नहीं है। सुरभि गर्ग ने हालांकि सरकार के निर्णय पर सीधे कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया, लेकिन अधिकारियों को निकायों में हो रहे भ्रष्टाचार का पूरा जिम्मेदार ठहराया। नप चेयरपर्सन सुरभि गर्ग ने कहा कि उनका फोक्स शहर के विकास पर है।
हस्ताक्षर करने की शक्ति हो या न हो, मायने नहीं रखता। बैंक सिटी स्कवेयर, मल्टीस्टोरी पार्किंग सहित कितने ही महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट रुके हुए, जिनसे शहर काे फायदा होगा। अधिकारियों की कार्यशैली की वजह से यह अड़चनें आई हुई हैं। सुरभि गर्ग ने कहा कि इस बात की क्या गारंटी है कि हस्ताक्षर की शक्तियां प्राप्त अधिकारी निकायों में भ्रष्टाचार नहीं करेंगे। भले ही प्रधानों से यह शक्ति वापस ली जा रही है, लेकिन अब वह खुद अधिकारियों पर नजर रखेंगी, ताकि कोई भी अधिकारी जनता के टैक्स का दिया हुआ पैसा डकार न जाए।