बिहार

कवि सम्मेलन में गरज – गरज खूब मेघा बरसे… ने उकेरी किसानों की पीड़ा

– काव्य मंजरी 1.1 में चली जमाने भर की बातें

– पटल रहा विविध काव्य रस से सराबोर

नवादा ,22 अगस्त। कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें नवादा सहित विभिन्न जगहों के कवियों ने अपने सुरेंद्र पाठ से वातावरण को खुशनुमा बना दिया ।गरज गरज खूब मेघा बरसे… गीत को पढ़कर जब कवि नवीन कुमार चंचल ने किसानों का दर्द बयां किया तो सभी गमजदा हो गए जबकि कवि रवि वर्मा ने खुद को संगीत कहूं तो तुम साज हो से प्रेम रस में पटल को भिगो दिया। यह मौका था काव्य मंजरी 1.1 द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन का जिसमें जमाने भर की बातें काव्यात्मक अंदाज में चलती रही। वरिष्ठ पत्रकार कवि-गीतकार राजेश मंझवेकर के संयोजन व कवि-गीतकार गौतम कुमार सरगम की अध्यक्षता तथा विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ शायर, कार्यक्रम के समीक्षक सह उर्दू प्रोफेसर डॉ.हाज़िक फ़रीद की उपस्थिति में पटल पर विविध काव्य रस बरसे जिसमें सभी सराबोर रहे।

युवा शायर रेजा तस्लीम ने मेरे एक हाथ में गीता और दूसरे में कुरान है के पाठ से सद्भाव का पाठ पढ़ाया तो कवि राघवेंद्र सिंह कुशवाहा ने बदलते जमाने की बात की। कवि-गीतकार डॉ.शैलेंद्र कुमार प्रसून ने मगही गीत से सबको खूब हंसाया। शायर मो.शहाबुद्दीन ने मेरे दिल में गीता तेरे दिल में कुरान होना चाहिए से देशभक्ति, प्रेम व सद्भाव पर बात की। अभिनेत्री-कवयित्री खुशबू ने अक्सर खुद को भूल जाती हूँ मैं से खूब वाहवाही बटोरी। गौतम कुमार सरगम ने पटल पर प्रेम की फुहार बरसाया। संचालक शायर प्रभाकर प्रभु ने जानता हूं कि सूरज छुपेगा नहीं पढ़ कर खूब तालियां बटोरी। कवि-समीक्षक डॉ.हाज़िक फ़रीद ने साहित्य की सेवा करते रहने की सीख दी और मुसलसल गर्दिशों के दरमियां रहना भी आता है जैसे कई शेरों से पटल पर चार चांद लगा दिया। अंत में उनकी सीख देने वाली समीक्षा हुई जिससे सभी कविगण लाभान्वित हुए जबकि गौतम कुमार सरगम ने विधिवत धन्यवाद ज्ञापन किया।

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