पिछले आठ वर्ष में पूर्वोत्तर की कार्य संस्कृति में क्रांतिकारी बदलाव आया: डॉ. जितेंद्र सिंह
दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का केंद्रीय राज्यमंत्री सिंह ने किया उद्घाटन
इटानगर, 18 अगस्त केंद्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी डॉ. जितेंद्र सिंह ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के साथ इटानगर में “नागरिकों और प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से सरकार को करीब लाना” विषय पर दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का गुरुवार को उद्घाटन किया।
दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 8 वर्षों में पूर्वोत्तर की कार्य संस्कृति में क्रांतिकारी बदलाव आया है। अब पूर्वोत्तर में परियोजनाएं एक निश्चित समय सीमा के भीतर पूरी हो रही हैं और केंद्रीय निधि का उपयोग लगभग 100 प्रतिशत है। सभी राज्य रेलवे द्वारा केंद्रीय राजधानी से जुड़ने जा रहा है और आठों राज्य हवाई अड्डे के साथ जुड़े हैं, जबकि गुवाहाटी एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में बदल गया है।
डॉ. सिंह ने कहा कि 2014 से पहले उत्तर पूर्वी क्षेत्र आर्थिक रूप से लगातार पिछड़ा हुआ था लेकिन 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र को देश के अधिक विकसित क्षेत्रों के बराबर लाने के लिए हरसंभव प्रयास करने को कहा था। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्ष में न केवल विकासात्मक कमियों को सफलतापूर्वक दूर दिया गया है, बल्कि उत्तर-पूर्वी क्षेत्र ने भी मनोवैज्ञानिक विश्वास हासिल किया है।
मंत्री ने कहा कि सड़क, रेल और हवाई संपर्क के मामले में महत्वपूर्ण विकास न केवल पूरे क्षेत्र में, बल्कि पूरे देश में माल और व्यक्तियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने में मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद ही इस तरह के सम्मेलन अरुणाचल प्रदेश जैसे सुदूर पूर्वोत्तर राज्यों के साथ-साथ अन्य पहाड़ी क्षेत्र और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में आयोजित किए जाते हैं।
डॉ. सिंह ने बताया कि प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग सरकार के सहयोग से अरुणाचल प्रदेश और सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस, हैदराबाद ने जिलों में शासन की दक्षता में सुधार के लिए राष्ट्रीय सुशासन सूचकांक की तर्ज पर एक जिला सुशासन सूचकांक विकसित किया है, जो पूर्वोत्तर राज्यों के लिए पहला अवसर है।
उन्होंने कहा कि डीएआरपीजी मासिक आधार पर राज्य के प्रत्येक जिलों की रैंकिंग की निगरानी और राज्य के भीतर बेंचमार्किंग प्रदर्शन में मदद के लिए जिला सुशासन पोर्टल विकसित करने के लिए अरुणाचल प्रदेश सरकार के साथ सहयोग करने की भी योजना बना रहा है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी अरुणाचल को पूर्वी एशिया का प्रमुख प्रवेश द्वार बनाने के लिए काम कर रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में अरुणाचल की भूमिका को देखते हुए आधुनिक बुनियादी ढांचे की स्थापना की गई है। प्रकृति ने अरुणाचल को अपने खजाने से समृद्ध किया है और केंद्र भी अरुणाचल की पर्यटन क्षमता को पूरी दुनिया में ले जाने की कोशिश कर रहा है।
प्रशासनिक सुधारों पर डॉ. सिंह ने कहा कि भारत का मानना है कि 21वीं सदी की लोक शिकायत निवारण एकल खिड़की एजेंसियों पर आधारित होगा, जो नागरिकों को बेहतर सेवाओं की तलाश के लिए जानकारी का उपयोग करने में मदद करेगी। उनका मानना है कि 2047 में भारत हमारे मेहनती सिविल सेवकों द्वारा शासित होगा और अत्यधिक दक्षता के साथ देश की सेवा करेगा। विजन 2047 के साथ युवा सिविल सेवकों को प्रेरित और शामिल करना महत्वपूर्ण है।
एनबीएस राजपूत, संयुक्त सचिव, एआरपीजी ने स्वागत भाषण किया। स्वागत भाषण के बाद अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव धर्मेंद्र, लोक रंजन, सचिव, डोनर और वी. श्रीनिवास, सचिव, एआरपीजी ने भी उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।