बिहार

नौ दिवसीय दिनकर जयंती समारोह में बच्चों की कविता से बंध रहा है शमां

बेगूसराय, 18 सितम्बर। राष्ट्रकवि दिनकर स्मृति विकास समिति के तत्वावधान में नौ दिवसीय दिनकर जयंती समारोह के तीसरे दिन रविवार को विवेकानंद साइंस क्लासेज सिमरिया के प्रांगण में दिनकर जयंती समारोह का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. निरंजन कुमार ने कहा कि जब तक देश में समस्याएं रहेगी, तब तक दिनकर प्रासंगिक रहेंगे। पुरानी पीढ़ी के लोगों को जिस तरह से रामचरित मानस की पंक्तियां जुबान पर रहती थी, ठीक उसी प्रकार आज की पीढ़ी को राष्ट्रकवि दिनकर की पंक्ति जुबान पर रहती है। संसद में बहस के दौरान भी नेता दिनकर की कविता को प्रस्तुत करते हैं।

शिक्षक रंजन झा ने दिनकर के व्यक्तित्व और कृतित्व के संबंध में बच्चों को विस्तार से बताया। उन्होंने नहीं रहेगा जुर्म धरा पर, गंगा, मां सहित कई गीत प्रस्तुत किया, जिसे लोगों ने खूब सराहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षक कवि गजेन्द्र झा एवं संचालन प्रवीण प्रियदर्शी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के निदेशक विनोद बिहारी ने किया।कार्यक्रम में बच्चों ने भी दिनकर की कविताओं का पाठ किया।

इससे पहले रामकृष्ण इंगलिश स्कूल सिमरिया में जयंती समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता वरिष्ठ कवि सह पत्रकार अशांत भोला ने कहा कि दिनकर राष्ट्रकवि ही नहीं, बल्कि विश्व कवि थे। दिनकर ने आमजनों के लिए सहज भाषा में कविताएं लिखी। हमें आत्मगौरव है कि हम दिनकर की मिट्टी में जन्म लिए हैं। नई कविताओं के सशक्त हस्ताक्षर सीमा संगसार ने बच्चों के काव्य प्रस्तुति की सराहते हुए कहा कि इस तरह का आयोजन साहित्य और साहित्यकार के प्रति एक बेहतर कदम है। दिनकर साहित्य आमजन तक पहुंच रही है, यह खुशी की बात है। बच्चों को दिनकर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से प्रेरणा लेने की जरूरत है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दिनकर पुस्तकालय के अध्यक्ष विश्वंभर सिंह ने कहा कि दिनकर की काव्य पंक्तियां बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए जो काबिले तारीफ है। दिनकर स्मृति विकास समिति के नेतृत्व में दिनकर जयंती अपनी उंचाई को प्राप्त करेगा। दिनकर पुस्तकालय के सचिव संजीव फिरोज ने दिनकर पुस्तकालय से बच्चों को जुड़ने का आह्वान किया। राजेन्द्र राय ने कहा कि दिनकर साहित्य को आत्मसात करने जरूरत है। पत्रकार प्रवीण प्रियदर्शी ने कहा कि दिनकर की कविताओं में जीवन से जुड़ी समस्याओं का हल है, उसे ढूंढ़ने और आत्मसात करने की जरूरत है।

कार्यक्रम को दिनकर स्मृति समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार शर्मा, लक्ष्मणदेव कुमार, राजेन्द्र राय एवं ए.के. मनीष सहित वक्ताओं ने संबोधित किया। कार्यक्रम की शुरुआत आगत अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर एवं दिनकर के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर किया। जबकि, स्वागत गान स्कूली बच्चों ने प्रस्तुत किया। इस दौरान आर्यन, दिव्यांशु, आरूषि, चुलबुल, अखिल, प्रेम, नव्या, सत्य प्रकाश, आनंद एवं आयुष सहित 61 छात्र-छात्राओं ने दिनकर की कविताओं का पाठ किया। अतिथियों का स्वागत प्राचार्य घनश्याम झा, संचालन शिक्षक जितेन्द्र झा एवं धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय के निदेशक दीनबंधु कुमार ने किया।

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