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यूएनएससी में भारत ने कहा- सैन्य टकराव में महिलाओं और बच्चों को उठाना पड़ता है सबसे ज्यादा नुकसान

संयुक्त राष्ट्र

। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सोमवार को रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर हुई एक अहम बैठक में युद्धग्रस्त यूक्रेन में महिलाओं और बच्चों की स्थिति पर भारत के स्थायी राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने शांति, संवाद और कूटनीति के आह्वान को दोहराया।

तिरुमूर्ति ने कहा कि किसी भी सशस्त्र संघर्ष या सैन्य टकराव में महिलाओं और बच्चों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने यूक्रेन के पड़ोसी देशों की भी सराहना की, जिन्होंने युद्ध प्रभावित देश से शरणार्थियों का स्वागत किया है। राजदूत तिरुमूर्ति ने कहा कि हम सशस्त्र संघर्षों में यौन हिंसा को रोकने और प्रतिक्रिया देने के लिए पीड़ित-केंद्रित दृष्टिकोण का आह्वान करते हैं।

तिरुमूर्ति ने यह भी कहा कि युद्ध का बच्चों की शिक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। इसने महामारी से संबंधित चुनौतियों को और बढ़ा दिया है जिसका बच्चे पहले से ही सामना कर रहे थे। ऐसी खबरें हैं कि 900 से अधिक शिक्षा सुविधाएं और स्कूल या तो क्षतिग्रस्त हो गए हैं या नष्ट हो गए हैं। इसने भारतीयों सहित विदेशी छात्रों को भी प्रभावित किया है। भारत ने 22,500 भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी की सुविधा प्रदान की है। इनमें से अधिकांश छात्र यूक्रेन के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हैं।

यूएनएससी की इस बैठक में भारत ने यूक्रेन में बिगड़ती स्थिति के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने का आह्वान किया। राजदूत ने कहा कि जब निर्दोष मानव जीवन दांव पर लगा हो, तो कूटनीति को ही एकमात्र व्यवहार्य विकल्प के रूप में प्रबल होना चाहिए।

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