तेज चलने, सीढ़ियां चढ़ने में फूलती है सांस, जकड़ता है सीना तो हो जायें सावधान: डाॅ अंजन
वाराणसी, 28 सितम्बर। आलस्यपूर्ण जीवनशैली, खानपान पर ध्यान न देना, शराब व धूम्रपान लोगों में अन्य गंभीर बीमारियों की ही तरह ह्रदय रोग को भी बढ़ा रहा है। यही कारण है कि बुजुर्ग ही नहीं अब युवा भी ह्रदय रोग के शिकार हो रहे हैं। ह्रदय रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ही प्रति वर्ष 29 सितम्बर को ’विश्व ह्रदय रोग दिवस’ मनाया जाता है। दिवस की पूर्व संध्या पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ संदीप चौधरी ने बताया कि जिले के सभी सरकारी चिकित्सालयों में गुरूवार को कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को ह्रदय रोग के खतरे और उससे बचाव के उपाय के बारे में जानकारी दी जायेगी। कबीरचौरा स्थित शिव प्रसाद गुप्त मण्डलीय चिकित्सालय के ह्रदय रोग विशेषज्ञ डाॅ अंजन श्रीवास्तव कहते हैं बदलती जीवन शैली के कुप्रभाव का नतीजा है कि अब यह रोग सिर्फ बुजुर्गो में ही नहीं युवाओं में भी होने लगा है। यूं कहें कि अब हर उम्र के लोग ह्रदय रोग के शिकार हो रहे हैं। वह कहते हैं कि थोड़ी सी सावधानी हमें ह्रदय रोग होने से बचा सकती है। इसके लिए हमें सुव्यवस्थित दिनचर्या के साथ.साथ खानपान व व्यायाम पर भी ध्यान देना होगा। तनाव से दूर रहने के साथ ही हमें हर रोज कम से कम सात.आठ घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए। वसायुक्त भोजन से बचना चाहिये । क्योंकि यह हमारे शरीर में कोलेस्ट्राल की मात्रा को बढ़ाता है। यही कोलेस्ट्राल धमनियों में जमा होकर ह्रदय तक रक्त पहुंचने से रोकता है जो बाद में ह्रदय रोग का एक बड़ा कारण बनता है।
अंजन ने कहा कि जंकफूड अधिक चीनी व नमक के प्रयोग से भी लोगों को बचना चाहिए। शराब व धूम्रपान से तो पूरी तरह दूर रहना चाहिए। अपनी तमाम व्यस्तता के बावजूद हमें कम से कम आधे घंटे टहलने के साथ ही हल्के व्यायाम जरूर करना चाहिए। इसमें रस्सी कूदना, साइकिलिंग भी शामिल है। योग हमें ह्रदय रोगी बनने से रोकता है।
– इन्हें होता है अधिक खतरा.
डाॅ अंजन श्रीवास्तव बताते है कि ब्लड प्रेशर, शुगर, मोटापा से पीड़ित व्यक्तियों के साथ ही अधिक धूम्रपान करने वाले लोगों को ह्रदय रोग होने का खतरा अधिक रहता है। इसके साथ ही उन लोगों को भी सावधानी बरतनी चाहिए जिनके परिवार में पहले किसी को ह्रदय रोग हुआ है।
– इन लक्षणों पर दें ध्यान.
सीने में दर्द और भारीपन, जकड़न, तेज पसीना निकलना और घबराहट, पैदल चलने पर सीने में भारीपन हो जाना, सीढ़ियां चढ़ने में सांस फूलना, सीने में जकड़न। इन शुरूआती लक्षणों पर ध्यान देने के साथ ही यदि सही समय से उपचार कराया जाय तो ह्रदय रोग से होने वाले बड़े खतरे से बचा जा सकता है। इस रोग के प्रति बरती गयी लापरवाही जानलेवा भी हो सकती है। डाॅ अंजन ने बताया कि 40 वर्ष की उम्र के बाद इस रोग के होने की संभावना अधिक रहती है। लिहाजा इनमें से कोई लक्षण न भी हो तो भी वर्ष में एक बार अपना चेकअप जरूर कराना चाहिए ताकि समय रहते उपचार शुरु हो सके।