जेल नियमों की अनदेखी पर जेल प्रशासन का सख्त एक्शन
नई दिल्ली, 22 मई । तिहाड़ जेल में एक माह में सौ से ज्यादा कैदी जेल नियमों की अनदेखी करते हैं। कैदी अकसर एक दूसरे से मारपीट कर नियमों की तोड़ते हैं। साथ ही समय समय पर जेल प्रशासन की ओर से चलाए तलाशी अभियान के दौरान कैदियों के पास से मिलने वाले नशे का सामान, मोबाइल और इनके बनाए हथियार को भी नियम के अवहेलना के श्रेणी में रखा गया है। ऐसे कैदियों के खिलाफ जेल प्रशासन लगातार कार्रवाई करती है।
हाल के दिनों में जेल में आपस में मारपीट की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है। जेल अधिकारियों का कहना है कि जेल में कैदी के आने के बाद उनके रिकार्ड को खंगाला जाता है। अगर कैदी किसी गैंग से ताल्लुक रखता है तो उसे ऐसे जेल में बंद किया जाता है जहां विरोधी गुट के कैदी नहीं होते हैं। लेकिन अकसर देखा जाता है कि जेल में रहने के दौरान भी कैदियों के बीच किसी न किसी बात को लेकर झगड़ा हो जाता है। जिसमें कैदी हिंसक भी हो जाते हैं।
ऐसे में झगड़ा करने वाले कैदियों का तत्काल उस जेल में वार्ड बदल दिया जाता है या फिर उसे दूसरे जेल में भेज दिया जाता है। साथ ही उसपर जेल नियम के अनुसार कार्रवाई भी की जाती है।जेल अधिकारियों का कहना है कि जेल में कुछ पाबंदियां हैं। जेल में अगर सब कुछ उपलब्ध हो तो फिर जेल और बाहरी दुनिया में अंतर नहीं होगा। जेल का मकसद यहां आए व्यक्ति को समाज से दूर रखकर उनमें सुधार करना होता है।
बावजूद कैदी चोरी छिपे जेल में नशे का सामान, मोबाइल आदि ले आने में सफल हो जाते हैं। साथ ही जेल में रहने के दौरान रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों से हथियार बना लेते हैं। जिसका इस्तेमाल मारपीट के दौरान करते हैं। ऐसे कैदियों के खिलाफ जेल प्रशासन बीच बीच में तलाशी अभियान चलाती है और जिन कैदियों के पास से आपत्तिजनक सामान मिलता है, उनपर कार्रवाई की जाती है।
कार्रवाई के दायरे में आने वाले कैदी उन लाभों से वंचित कर दिया जाता है, जो उन्हें जेल में रहने के दौरान अच्छा आचरण करने से मिलता है। इन लाभों में समय से पहले रिहाई या फिर ओपन जेल में रहने की सुविधा शामिल है।
तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि जेल में नियमों की अनदेखी करने वाले कैदियों के खिलाफ जेल नियमावली के तहत कार्रवाई की जाती है और ऐसे कैदियों पर विशेष निगरानी रखी जाती है। कैदियों को अच्छे आचरण से मिलने वाले लाभ से वंचित कर दिया जाता है।