राष्ट्रीय

जमात-ए-इस्लामी का हर-घर तिरंगा मुहिम को समर्थन

– संवाददाता सम्मेलन में जमात के नेताओं ने विभिन्न मुद्दों पर की चर्चा

नई दिल्ली, 06 अगस्त। जमात-ए-इस्लामी हिंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘हर-घर तिरंगा’ मुहिम के समर्थन का ऐलान किया है। हालांकि इसके साथ ही कहा गया कि इसमें कोई नई बात नहीं है। इसकी जगह हर घर से एक व्यक्ति को रोजगार देने की बात की जाती तो अच्छा संदेश जाता।

अबुल फजल इंक्लेव स्थित मुख्यालय में शनिवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष इंजीनियर मोहम्मद सलीम और अमीन-उल-हसन ने उपरोक्त बातें कहीं।

उन्होंने कहा कि जिस दिन से देश स्वतंत्र हुआ है, पहले दिन से ही हमारे देश का प्रत्येक नागरिक न केवल तिरंगा की इज्जत और सम्मान करता है बल्कि प्रत्येक नागरिक के दिलों में तिरंगा बसता है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अवसर पर हर घर में तिरंगा फहराए जाने का ऐलान करके कोई नई बात नहीं कही है बल्कि हर घर से एक व्यक्ति को रोजगार देने की बात की जाती तो और अच्छा संदेश जाता।

इंजीनियर सलीम ने कहा कि 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन प्रत्येक भारतीय के जरिये भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को फहराने और उसको मान सम्मान देने की बात की जाती है। प्रधानमंत्री की तरफ से इस तरह की घोषणा करके देश के अन्य ज्वलंत मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने की कोशिश की जा रही है।

जमात के नेताओं ने समान नागरिक संहिता पर भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा है कि यह भी एक ऐसा मुद्दा है, जिसको लेकर के हमेशा विवाद खड़ा करने की कोशिश की जाती है। समान नागरिक संहिता के लिए आम सहमति बनाने की जरूरत है और सरकार ने भी इसी तरह की बात अदालत में कही है। जमात नेताओं का कहना है कि क्यों नहीं हमारे देश में एक समान आय, एक समान घर, एक समान कार, एक समान शिक्षा की बात की जाती है। सिर्फ समान नागरिक संहिता की क्यों बात की जाती है।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय सहित अन्य अल्पसंख्यक विश्वविद्यालयों में इस्लामिक स्टडीज के विभाग में मौलाना अबुल आला मौदूदी की पुस्तक या उनके लेख आदि को पढ़ाए जाने के मामले पर टिप्पणी करते हुए जमात के नेताओं ने कहा है कि यह यूनिवर्सिटीज के एकेडमिक काउंसिल का मामला है कि वह क्या पढ़ाए और क्या नहीं पढ़ाए। इस मामले में हमें कुछ नहीं कहना है। अगर वो मौलाना मौदूदी को पढ़ाते हैं तो ठीक है, नहीं पढ़ाते हैं तो भी ठीक है।

जमात के नेताओं ने देश में बढ़ रही बेतहाशा महंगाई पर भी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि महंगाई के कारण गरीबों का जीना मुहाल हो रहा है और इसकी वजह से हमारे देश में गरीबी, बेरोजगारी आदि का ग्राफ बढ़ रहा है। जमात नेताओं ने देश की प्रतिभाओं के जरिए देश छोड़कर विदेशों में बसने पर भी चिंता व्यक्त की है। इनका कहना है कि बड़ी संख्या में देश की प्रतिभा यहां से निकल कर विदेशों में शिफ्ट हो रही है और वहां पर अपना भविष्य तलाश कर रही है। उनका कहना है कि सरकार को इस पर विचार करना चाहिए कि आखिर क्या कारण है? सरकार को प्रतिभाओं के पलायन को रोकने के लिए रणनीति बनानी चाहिए।

जमात नेताओं ने प्रधानमंत्री से दूरी बनाए रखने के संबंधित पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा है कि यह सही नहीं है। प्रधानमंत्री किसी धर्म विशेष के नहीं हैं बल्कि वह सभी भारतवासियों के प्रधानमंत्री है। जमात हमेशा से निर्वाचित सरकार और प्रधानमंत्री का सम्मान करती रही है। कोरोना काल में जमात ने वर्चुअल माध्यम से विभिन्न धर्मों के नेताओं के साथ एक बैठक की थी, जिसमें प्रधानमंत्री एक घंटे से भी अधिक समय तक जुड़े रहे थे। हमारा मानना है कि अगर कोई गंभीर समस्या है तो हम प्रधानमंत्री के साथ उसको साझा करेंगे और जरूरत पड़ी तो मुलाकात भी करेंगे लेकिन महज फोटो खिंचवाने के लिए इस तरह की मुलाकात का कोई मतलब नहीं बनता है।

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