उत्तर प्रदेश

पत्रकार समाज के प्रत्येक वर्ग की आवाज होता हैं : सुभाष सिंह

– लेखनी तभी प्रभावी हो सकती हैं जब आप निष्पक्ष होकर पत्रकारिता करें : राहुल सिन्हा

मुुरादाबाद 29 मई । विश्व संवाद केंद्र के तत्वावधान में देव ऋषि नारद जयंती की पूर्व संध्या पर सीएलगुप्ता आई हॉस्पिटल के ऑडिटोरियम में नारद जयंती के उपलक्ष्य में समाज परिवर्तन में पत्रकार की भूमिका पर विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। देव ऋषि नारद एवं भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार में सूचना आयुक्त सुभाष सिंह, मुख्य अतिथि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के वरिष्ठ पत्रकार राहुल सिन्हा, विशिष्ट अतिथि सीएल गुप्ता चैरिटेबल ट्रस्ट की वाइस चेयरमैन शिखा गुप्ता रहीं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता आईएफटीएम विश्वविद्यालय के मास कम्युनिकेशन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राजेश शुक्ला ने की । कार्यक्रम का संचालन आररएसएस के विभाग प्रचार प्रमुख पवन जैन ने किया।

मुख्य वक्ता उत्तर प्रदेश के सूचना आयुक्त सुभाष सिंह ने कहा कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह जिस समाज में रहता है, उसके साथ उसकी अन्तः क्रिया का होना स्वाभाविक है। पत्रकारिता की कल्पना समाज से अलग करके नहीं की जा सकती है। पत्रकारिता ही है जिसके माध्यम से समाज में नवसंचार, जागरण, सजीवता तथा नवस्फूर्ति का संचार होता है। समाज को प्रभावित करने की जो क्षमता पत्र-पत्रिकाओं में है, उसके मूल में भी पत्रकार ही है। पत्रकार को समाज के सजग प्रहरी के रूप में देखा जाता है। एक पत्रकार सामाजिक परिवर्तन के लिए जो त्याग करता है उसका वह त्याग ही समाज को गति प्रदान करता है। समाज के प्रत्येक वर्ग की आवाज पत्रकार होता है।

मुख्य अतिथि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के वरिष्ठ पत्रकार राहुल सिन्हा ने कहा कि पत्रकार के लिए पत्रकारिता एक धर्म की तरह है और पत्रकारिता का एक धर्म है- निष्पक्षता । आपकी लेखनी तभी प्रभावी हो सकती है जब आप निष्पक्ष होकर पत्रकारिता करें। पत्रकारिता में आप पक्ष नहीं बन सकते। हां, पक्ष बन सकते हो लेकिन केवल सत्य का पक्ष। डिजिटल तकनीक ने पत्रकारिता को बिल्कुल एक नए फलक पर लाकर खड़ा कर दिया है। डिजिटल तकनीक, सोशल मीडिया के असर से जहां पत्रकारिता ने गति पकड़ी है तो विश्वसनीयता की कसौटी पर कसने की चुनौतियां पहले से ज्यादा बढ़ गई हैं। रफ्तार की प्रतिस्पर्धा से नए खतरों का अंदेशा भी बढ़ा है।

विशिष्ट अतिथि शिखा गुप्ता ने कहा नारदजी की कार्यशैली, उनके आदर्श एवं संचार कौशल की क्षमता अद्वितीय थी हमें उनसे सीख लेनी चाहिए।

कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. राजेश शुक्ला ने कहा की मीडिया का फील्ड अपार संभावनाओं से भरा हुआ है। किसी भी अन्य उद्योग की तुलना में इसकी विकास दर अधिक है यानि इसमें रोजगार के अत्यधिक अवसर हैं।

उप्र राज्य बाल अधिकार आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉ. विशेष गुप्ता द्वारा विषय प्रस्तावना रखी। उन्होंने कहा सृष्टि के प्रथम संवादवाहक के रूप में देव ऋषि नारद जी का योगदान भुलाया नहीं जा सकता। वे भारतीय संस्कृति के ध्वजवाहक हैं।नारद जयंती के दिन को पत्रकार दिवस के रूप में मनाते हैं 30 मई पत्रकार दिवस की पूर्व संध्या पर नारद जी का स्मरण करना एवं उनके जीवन से प्रेरणा लेने का अवसर है।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए विभाग प्रचार प्रमुख पवन जैन ने कहा कि गोष्ठी का विषय समाज परिवर्तन में पत्रकार की भूमिका वास्तव में नारद जी के जीवन चरित्र से ही लिया गया है उनका जीवन चरित्र देखने पर हम महसूस कर सकते हैं कि उनका पूरा जीवन समाज के परिवर्तन के लिए ही लगा रहा था वर्तमान में प्रत्येक पत्रकार नारद जी की भूमिका में है अतः अपना कार्य करते समय हमें उनके आदर्श याद रखना चाहिए।

महानगर प्रचार प्रमुख संजीव चौधरी ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम गायन द्वारा किया गया, अंत में सभी ने भोजन ग्रहण किया।

इस अवसर पर प्रभात गोयल एडवोकेट, डॉ विनीत गुप्ता, हरिमोहन गुप्ता, शलभ गुप्ता, शलभ सक्सेना, स्पर्श गुप्ता, पीयूष गोयल, डॉक्टर सत्यवीर सिंह, सचिन कुमार, आशाराम पालीवाल, राकेश मिश्रा, सुमित कुमार, पंकज कुमार आदि महानगर के पत्रकार, साहित्यकार, मास कम्युनिकेशन के छात्र एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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