बिहार

जरूरतमंद व्यक्तियों तक अच्छी और सक्षम विधिक सहायता पहुंचे: न्यायमूर्ति

गया,16अक्टूबर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गया द्वारा “विधिक जागरूकता के माध्यम से विधिक सशक्तिकरण” विषय पर महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र, बोधगया में विधिक जागरूकता एवं विधिक सेवा शिविर का आयोजन किया गया। माननीय न्यायमूर्ति श्री अश्वनी कुमार सिंह, न्यायाधीश पटना उच्च न्यायालय-सह-कार्यकारी अध्यक्ष, बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थे। कार्यक्रम का आयोजन नालसा की “गरीबी उन्मूलन का प्रभावी क्रियान्वयन योजना, 2015” के तहत किया गया। माननीय न्यायमूर्ति ने बिहार सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा आयोजित विधिक जागरूकता शिविर का उद्घाटन किया ।

शिविर के निरीक्षण के दौरान माननीय न्यायमूर्ति द्वारा महिला एवं युवा उद्यमियों को ऋण एवं सब्सिडी का स्वीकृति पत्र सौंपा गया। माननीय न्यायमूर्ति ने शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, डीआरडीए आदि द्वारा चलाई जा रही योजनाओं पर भी चर्चा की। जिला एवं सत्र न्यायाधीश, गया श्री मनोज कुमार तिवारी ने विधिक सेवा प्राधिकार के गठन एवं कार्यों पर प्रकाश डाला। ज़िलाधिकारी, गया डॉ त्यागराजन एस.एम. ने गरीबी उन्मूलन के लिए सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं और इस संबंध में जीविका दीदियों की भूमिका पर प्रकाश डाला।

वरीय पुलिस अधीक्षक, गया श्रीमती हरप्रीत कौर ने समाज के कमजोर वर्गों के सशक्तिकरण में पुलिस की भूमिका पर प्रकाश डाला । उन्होने बताया कि पुलिस किसी भी व्यक्ति को अपराध का शिकार होने से बचाने के लिए जागरूकता शिविरों और सोशल मीडिया के माध्यम से कमजोर वर्गों तक पहुंच रही है।

सदस्य सचिव, बालसा श्रीमती धृति जसलीन शर्मा ने सरकार की गरीबी उन्मूलन योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर ध्यान आकृष्ट कराया । उन्होंने जनता के बीच कानूनी जागरूकता फैलाने में जीविका दीदी की भूमिका की भी सराहना की ।कार्यक्रम के दौरान विधिक जागरूकता पर एक नाटक का मंचन किया गया जिसकी सभी प्रतिभागियों ने सराहना की।

कार्यक्रम के अंत में माननीय न्यायमूर्ति श्री अश्वनी कुमार सिंह, न्यायाधीश पटना उच्च न्यायालय-सह-कार्यकारी अध्यक्ष, बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार ने अपने जीवन में गया के साथ अपनी पुरानी यादों को साझा किया। उन्होंने कानून के शासन को सुदृढ़ करने के हेतु पुलिस, अभियोजन और न्यायिक अधिकारियों को विधिक जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने हितधारकों को कमज़ोर विधिक सहायता के बजाय अच्छी और सक्षम विधिक सहायता प्रदान करने पर जोर दिया। उन्होंने कानूनी जागरूकता फैलाने में पैनल अधिवक्ता और पारा लीगल वॉलेंटियर की भूमिका की सराहना की।

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