राष्ट्रीय

उत्तराखंड में खनन माफिया की गिरफ्तारी को आधी-अधूरी तैयारी से पहुंची थी ”खाकी”

मुरादाबाद, 13 अक्टूबर। खनन माफिया पर कार्रवाई के मामले में पुलिस एक बार फिर नाकाम साबित हुई। विगत 13 सितंबर की घटना के मामले में फरार चल रहे 50 हजार रुपये के इनामी अपराधी की गिरफ्तारी के लिए जिले की ठाकुरद्वारा कोतवाली पुलिस स्पेशल आपरेशन ग्रुप के साथ उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर के कुंडा थानाक्षेत्र स्थित फार्म हाउस में पहुंचीं तो गिरफ्तारी तो दूर स्वयं ही हमले का शिकार हो गई।

13 सितंबर की रात्रि में अवैध खनन के डंपर उत्तराखंड से आ रहे थे। उनको मुरादाबाद जिले के ठाकुरद्वारा कोतवाली क्षेत्र में खनन अधिकारी अशोक कुमार ने पकड़ लिया था। मौके पर ठाकुरद्वारा एसडीएम परमानंद सिंह और पुलिस फोर्स मौजूद थी। आरोपित इस दौरान एसडीएम और खनन अधिकारी पर हमला कर मौके से चार-पांच डंपर छुड़ा ले गए थे। पुलिस ने मामले में 10 नामजद सहित 150 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विडियो क्रॉन्फेंसिंग के माध्यम से मुरादाबाद परिक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक शलभ माथुर को फटकार लगाई थी। इसके बाद खाकी सख्त हुई और आरोपितों की धरपकड़ शुरू हुई। आरोपितों की गिरफ्ततारी के लिए डीआईजी ने 50 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की थी।

मुख्यमंत्री की फटकार के बाद पुलिस खनन माफिया गिरोह की कमर तोड़ने में जुट गई और जिले के अलावा आस-पास के राज्यों में पुलिस की कई टीमों ने ताबड़तोड़ दबिश देनी शुरू कर दी थी। खनन सिंडीकेट के खिलाफ कार्रवाई की सीधी निगरानी डीआईजी शलभ माथुर कर रहे हैं। मामले में 10 से अधिक आरोपितों के खिलाफ 50-50 हजार रुपये के इनाम घोषित किए गए और आरोपितों को पकड़ने के लिए थाना प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए गए थे। इसके साथ ही थाना प्रभारी को चेतावनी दी गई थी कि अगर आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो सीधे थाना प्रभारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अभी तक इस मामले में 12 आरोपितों को जेल भेज चुकी है। इस मामले में फरार चल रहे 50 हजार के इनामी आबिद हुसैन निवासी गोपीवाला को भी पुलिस नहीं पकड़ पाई। आबिद हुसैन पीलीभीत में अपने रिश्तेदार के घर छिपा हुआ था, जिसे सोमवार को एसटीएफ की बरेली यूनिट ने दबोचा था।

ठाकुरद्वारा पुलिस मामले में फरार चल रहे 50 हजार के इनामी एवं डिलारी थाना क्षेत्र के कांकरखेड़ा निवासी खनन माफिया जफर की तलाश में जुटी थी। पुलिस को सूचना मिली कि आरोपित जफर ऊधमसिंह नगर के कुंडा थानाक्षेत्र स्थित ग्राम भरतपुर में जसपुर के ज्येष्ठ उपप्रमुख गुरताज सिंह भुल्लर के यहां छिपा हुआ है। ठाकुरद्वारा कोतवाल योगेंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस एवं एसओजी टीम ने बुधवार शाम भुल्लर के फार्म हाउस की घेराबंदी कर ली। सादे कपड़ो में 12-14 लोगों को देखकर स्थानीय निवासियों ने उनसे नाम पता और आने का कारण पूछा। इसी बीच देखते ही देखते ठाकुरद्वारा पुलिस और एसओजी टीम की ग्रामीणों से भिड़ंत हो गई। ताबड़तोड़ फायरिंग में जसपुर के ज्येष्ठ उपप्रमुख गुरताज सिंह भुल्लर की पत्नी गुरजीत कौर (28 वर्ष) की मौत हो गई और छह पुलिसकर्मी घायल हो गए। घायलों का उपचार मुरादाबाद के कांठ रोड स्थित कासमास अस्पताल में चल रहा है। मुरादाबाद के जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने गुरुवार को घायल पुलिसकर्मियों का अस्पताल में हालचाल जाना। जिलाधिकारी के साथ पुलिस अधीक्षक नगर अखिलेश भदोरिया भी थे।

डीआईजी शलभ माथुर ने बताया कि खनन मामले में 50 हजार रुपये के वांछित जफर की तलाश में ठाकुरद्वारा कोतवाली की पुलिस और एसओजी लगी हुई थीं। बुधवार शाम को सूचना मिली थी कि ठाकुरद्वारा के पास जफर मौजूद है। पुलिस ने घेराबंदी की तो जफर उत्तराखंड के ग्राम भरतपुर में पहुंच गया। जहां जफर और उसके साथियों ने पुलिस टीम को बंधक बना लिया। पुलिस टीम पर फायरिंग की गई, जिसमें ठाकुरद्वारा कोतवाल समेत छह पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनका उपचार स्थानीय अस्पताल में चल रहा है। इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी जुटाई जा रही है और मामले में उत्तराखंड पुलिस से भी वार्ता चल रह है।

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