खालसा पंथ ने किसी पर जुल्म होता देख उसकी रक्षा को तैयार, धर्म की आजादी दिलाने के लिए लंबा संघर्ष किया : पूर्व कैबिनेट मंत्री कविता जैन
सोनीपत
खालसा पंथ ने किसी पर जुल्म होता देख उसकी रक्षा को तैयार, धर्म की आजादी दिलाने के लिए लंबा संघर्ष किया और सदियों बाद भी सिख समाज इन्हीं सिद्धांतों का पालन कर रहा है। मॉडल टाउन स्थित गुरुद्वारे में आयोजित कार्यक्रम में उक्त विचार व्यक्त करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री कविता जैन ने खालसा पंथ की स्थापना एवं बैशाखी पर्व की बधाई देते हुए गुरु गोविंद सिंह द्वारा हिंदू धर्म की रक्षा के लिए दिया बलिदान को याद किया। उन्होंने कहा कि 1699 ईसा में दबे कुचले लोगों में आत्मविश्वास पैदा कर जात पात व छुआछूत के खिलाफ सिर उठाने के लिए खालसा पंथ की स्थापना हुई।
राजीव जैन ने कहा कि कोरोना काल में सिख समुदाय ने लंगर चलाकर, मरीजों को ऑक्सीजन पहुंचाकर तथा जब यारे-प्यारे विशाल को हाथ लगाने को तैयार नहीं थे ऐसे हालात में मृतकों का संस्कार करवा कर इंसानियत की मिसाल पेश की उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी की 400 जयंती बड़ी श्रद्धा के साथ आगामी 24 अप्रैल को पानीपत में सरकारी स्तर पर मनाई जा रही है जिसमें सभी बढ़-चढ़कर भाग ले।
कार्यक्रम में सरदार मंजीत सिंह, धनवंत सिंह भाटिया, परभमीत सिंह, हरदीप सिंह, राजेंद्र सिंह, जगमोहन, सरदार तरसेम सिंह, अजीत सिंह भाटिया, संजय मुखीजा, मनमोहन सिंह काफी संख्या में गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।