कुरुक्षेत्र: केयू के ऐतिहासिक फैसले बेअसर, केयू ने सभी को ऐरिअर दिया
कुरुक्षेत्र,10 सितम्बर। कुरुक्षेत्र विश्विद्यालय के इतिहास में आने वाली प्रथम महिला कुलपति डाॅ. नीता खन्ना द्वारा पारित किये गये दो ऐतिहासिक फैंसले 22 सितंबर 2020 में पारित अभी भी अधर में लटके हुए हैं। दो ऐतिहासिक फैसलों में पहला अनुबंधित शिक्षकों का मानदेय 22 सितंबर 2020 से 55,770 रूपये देना एवं सेल्फ फाईनांस स्कीम शिक्षकों को पदोन्नति करना शामिल है।
अनुबंधित शिक्षकों की तरफ से जारी किऐ गये संयुक्त ब्यान के अनुसार उनका वेतन 22 सितंबर 2020 से ना लागू करके विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मई 2021 से लागू करना, जिसमें 3.98 करोड़ रूपये का एरिअर ना वितरित करना अन्यायपूर्ण है। इस अन्याय के विरोध में अनुबंधित शिक्षकों ने अपनी आपत्ति कुलपति और कुलसचिव के समक्ष जाहिर करने की भरसक प्रयास किये, लेकिन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस बारे में कुछ नहीं किया।
ज्ञात है कि अनुबंधित शिक्षकों ने समान काम समान वेतनमान लागू करवाने हेतु सिंतबर 2019 में तीन दिनों तक भूख-हड़ताल एवं मार्च 2021 में नौ दिन का ‘लंच टाइम मार्च’ भी निकालना पड़ा था। इस लंच टाइम मार्च में सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा ने भी संयुक्त रूप से आवाज बुंलद की थी, जिसके बावजूद भी वर्तमान तक एरिअर नहीं मिला है।
अनुबंधित शिक्षकों को वर्तमान में मिल रहा 57,700 रूपये सातवें वेतन आयोग की सिफारिश थी, जिसमें उनको 28 प्रतिशत डी.ए. (डियरनंस अलाउंस) के साथ देना था जिसके अनुसार उनका वेतनमान लगभग 73,001 रूपये बनता है। इसे हरियाणा के एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ ने पिछले एक वर्ष से लागू किया हुआ है। अनुबंधित शिक्षकों के अनुसार इस बढती मंहगाई के दौर में उनका महंगाई भता नहीं देना एवं टैक्स पेयर होने के बावजूद उनको सर्विस लाभ नहीं देना भारत सरकार के द्वारा लिये गये ‘समान काम समान वेतन’ को छह वर्षों से लागू नहीं करना, भारत सरकार एवं माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में है। क्या विश्वविद्यालय प्रशासन इन दोनों से सुप्रीम समझने लगा है ?