हिसार में एलआईसी कर्मियों ने कामकाज ठप्प रखकर जताया आईपीओ का विरोध
हिसार
केन्द्र सरकार एलआईसी के आईपीओ सूचीबद्ध करने पर विरोध जताते हुए हिसार के अर्बन एस्टेट स्थित दोनों शाखाओं के कर्मचारियों ने अपना विरोध जताया। उन्होंने कार्यालय से वॉकआऊट करते हुए दो घंटे की हड़ताल की और दफ्तर का कामकाज ठप्प रखते हुए कार्यालय परिसर के समक्ष धरना देते हुए केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रोष प्रदर्शन किया।
हड़ताली कर्मचारियों को संबोधित करते हुए यूनियन प्रधान त्रिलोक बंसल ने मोदी सरकार के एलआईसी को शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने के फैसले को जनविरोधी करार देते हुए इसे देश की अर्थव्यवस्था के लिए आत्मघाती कदम बताया। उन्होंने कहा कि सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम जैसी बेहतरीन सार्वजनिक संस्था की हिस्सेदारी बेचकर उसे निजीकरण की तरफ धकेलना चाहती है, यह सब बड़े मित्र कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।
यूनियन पदाधिकारी सुरेन्द्र पूनिया व मुकेश कुमार ने प्रदर्शनकारी कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि 1956 के एलआईसी गठन के समय पांच करोड़ की सरकारी राशि से शुरू हुई बीमा क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनी ने देश के 40 करोड़ लोगों का विश्वास जीतते हुए देश के सामाजिक क्षेत्र व अर्थव्यवस्था में बेहतरीन आर्थिक योगदान दिया है। ईमानदारी और मेहनत के बलबूते आज एलआईसी 38 लाख करोड़ परिसम्पति की मालिक है।
एलआईसी द्वारा वर्ष 2021 में 5 करोड़ की एवज में सरकार को 2611 करोड़ का लाभांश दिया गया। सरकार के सामाजिक कार्यों में 28.86 लाख करोड़ रुपये का एलआईसी का निवेश है। आर्थिक संकट के समय में एलआईसी ने हमेशा सरकार को संकट से उबारने का काम किया है। ऐसे में हिस्सेदारी बेचने के सरकार के इस कदम से इन जनहित कार्यों को झटका लगेगा। सरकार के इस जनविरोधी फैसले को एलआईसी के 40 करोड़ पॉलिसी धारक, अभिकर्ता व बीमाकर्मी कदापि बर्दाश्त नहीं करेंगे। विरोध प्रदर्शन में प्रधान त्रिलोक बंसल, सचिव सुरेन्द्र पूनिया, मुकेश कुमार सहित स्नेह धवन, रणजीत कौर, रंजना, अंजू कपूर, राजबाला, सीमा, कमलेश पूनिया, उषा ग्रोवर, धर्मेन्द्र पूनिया, सोमनाथ ग्रोवर, विनोद कुमार, राखी, सपना, रीना शर्मा, पूजा, शालिनी सैनी, वैशाली, अनुपमा, ऋतु, अन्नू, राजीव पुजानी, सतीश कुमार, अजीत सिंह व राजेन्द्र सिंह शामिल रहे।