मानव ने अपने त्रुटिपूर्ण गतिविधियों से जड़-चेतन के समक्ष संकट खड़ा किया : भैया जी जोशी
वाराणसी,09 जनवरी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निवर्तमान सरकार्यवाह एवं अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य भैया जी जोशी ने सोमवार को कहा कि विश्व को सही राह कौन बताएगा, भारत विश्वगुरू बनेगा तो यह दायित्व निभा सकता है। हम समय-समय पर अपने विचार विश्व के सामने रखते हैं।
भैया जी तीन दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी सुफलाम (पृथ्वी तत्व) के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान संस्थान, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली, भाऊ राव देवरस संस्थान एवं किसान संघ के संयुक्त तत्वावधान में कृषि प्रेक्षागृह में आयोजित समारोह में भैया जी जोशी ने कहा कि वास्तव में मानव ने अपने त्रुटिपूर्ण गतिविधियों से जड़-चेतन के समक्ष संकट खड़ा करने का कार्य किया है, आज जरूरत है उसे सही दिशा में बताने की ताकि सभी का कल्याण हो सकें।
समापन समारोह में गुजरात के जगद्गुरु संत ज्ञानेश्वर दास महाराज ने कहा कि अब समय आ गया है जब किसानों को प्राकृतिक खेती, जैविक खेती एवं जीव आधारित खेती के प्रति जागरूक करना होगा। उन्होंने कहा कि सभी को जैविक खेती एव रासायनिक खेती के तुलनात्मक अध्ययन से मिले परिणामों के सम्बन्ध में बताने की आवश्यकता है।
गोष्ठी में अखिल भारतीय किसान संघ के संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी ने तीन दिनों तक संगोष्ठी में संचालित विभिन्न सत्रों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। समारोह की अध्यक्षता करते हुए बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि आज सम्पन्न वर्ग के लोग वाटर फिल्टर प्लान्ट एवं बोतल का पानी पीते हैं । वहीं, सामान्य व्यक्ति को यह उपलब्ध नहीं हो पाता। आने वाले समय में भूजल की स्थिति चिन्ताजनक हो सकती है, आज जनसंख्या के एक बड़े वर्ग को संतुलित पोषक तत्व नहीं मिल पाता है।
उन्होंने कहा कि जैन धर्म में जमीन, पानी, और पहाड़ को एक जीव माना गया है। आज इनके संरक्षण एवं संवर्धन के लिए आन्दोलन चलाने की जरूरत है ताकि सामान्य लोग इससे जुड़ सके। स्वागत भाषण कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. यशवन्त सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन संगोष्ठी के आयोजन सचिव प्रो. राकेश सिंह ने दिया।