बिहार

 मिशन 60 दिवस :सदर अस्पताल का बदला कायाकल्प,विश्वास बहाल करने की पहल

अररिया 22नवम्बर । राज्य में सरकारी अस्पताल की स्थिति में सुधार को लेकर संचालित मिशन 60 दिवस की समयावधि पूरी हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री ने इस निर्धारित अवधि के दौरान अस्पताल में मरीजों के इलाज से लेकर, साफ-सफाई, लाइटिंग सहित आधुनिक सुविधाओं का इस्तेमाल करते हुए इलाज की प्रक्रिया को आम लोगों के लिये सुविधाजनक बनाने का निर्देश दिया था। निर्धारित लक्ष्य के मुताबिक सदर अस्पताल के कायाकल्प को लेकर भी विभिन्न स्तरों पर काम किये गये। लिहाजा सदर अस्पताल के विधि व्यवस्था से लेकर चिकित्सकीय सेवाओं में सुधार आज सहज ही महसूस किया जा सकता है।

मिशन 60 दिवस के तहत संचालित विकास कार्यों की जानकारी देते हुए अस्पताल अधीक्षक डॉ मोईज बताते हैं कि अस्पताल भवन का रंग-रोगन, साफ-सफाई का इंतजाम बेहतर हुआ है। शौचालय व स्वच्छ पेयजल की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराया गया है। अस्पताल में दवा काउंटर की संख्या में इजाफा, सभी जरूरी जांच का सेंटरलाइज्ड इंतजाम, इलाज के लिये अस्पताल आने वाले मरीजों के लिये हेल्प डेस्क का इंतजाम, डेस्क पर स्टाफ की उपलब्धता आदि सुनिश्चित कराया गया है। आम लोगों को सहजता पूर्वक बेहतर चिकित्सकीय सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से अन्य कई जरूरी कदम उठाये गये हैं। जिसे अस्पताल आने वाला हर एक व्यक्ति महसूस कर सकता है।

अस्पताल प्रबंधक विकास आनंद ने बताया कि अस्पताल में मरीजों के लिये अलग से वेटिंग एरिया डेवलप किया गया है। मुख्य सड़क से अस्पताल के रास्ते में रोशनी के पर्याप्त इंतजाम, मरीज व उनके परिजनों के लिये हर्बल गार्डन व पार्किंग जोन विकसित किये गये हैं। अस्पताल में संकेतक लगाये गये हैं। ताकि अलग-अलग सुविधाओं तक मरीजों की पहुंच आसान हो। सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरा, ओपीडी व इंडोर में रियल टाइम दवाओं की उपलब्धता, रेफरल व एंबुलेस सेवा की उपलब्धता के साथ प्रसव कक्ष, एसएनसीयू, ओपीडी के कंनेक्टिविटी को बेहतर बनाते हुए एनक्यूएएस यानी राष्ट्रीय क्वालिटी एश्योरेंस के निर्धारित मानकों के अनुरूप जिला अस्पताल का संचालन सुनिश्चित कराने को लेकर सभी जरूरी इंतजाम किये गये हैं।

सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने कहा कि अस्पताल को सुव्यवस्थित व सुसज्जित करने को लेकर हर जरूरी इंतजाम किये गये हैं। उन्होंने कहा कि मिशन 60 दिवस का मुख्य उद्देश्य मरीजों को सहजता पूर्वक इलाज की सुविधा उपलब्ध कराना है। ताकि सरकारी चिकित्सा संस्थानों के प्रति लोगों का विश्वास बहाल किया जा सके।

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