कैथल की गौशालाओं में 150 से अधिक गोवंश लंपी की चपेट में
कैथल, 12 अगस्त। गांव के बाद लंपी वायरस ने अब गौशाला में भी दस्तक दे दी है। कैथल की गौशालाओं में 150 से अधिक गोवंश लंपी की चपेट में आ गए हैं। कपिस्थल नंदी गौशाला में इस वायरस से पांच गोवंश की मौत हो चुकी है। पशुपालन विभाग के डॉक्टर रहे हैं कि लंबी वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण को तेज किया जा रहा है। प्रबंधक समिति का कहना है कि यह वायरस की चपेट में आ गई थी। गोशाला में लगातार वायरस बढ़ रहा है। उनकी गोशाला में करीब 150 गोवंश में लंपी वायरस के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। इन सभी को चिकित्सकों के कहने पर अलग बाड़े में रखा गया है।
गोशाला प्रबंधक समिति के प्रधान शमशेर शर्मा ने बताया कि गोशाला में दूध देने वाली गाय, बछड़ा, नंदी और दो अन्य गायों की मौत हो चुकी है। शमशेर ने बताया कि सरकार और प्रशासन से काफी उम्मीदें हैं कि वह वायरस को रोकने के लिए दवाइयां और टीकाकरण का प्रबंध करवाने के लिए आगे आए। अभी तक गौशाला के निजी कोष से टीकाकरण व दवाइयां दी जा रही हैं। वहीं पशु चिकित्सक वेदप्रकाश का कहना है कि कपिल नंदी गौशाला में लगातार टीकाकरण प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है। अभी तक लगभग 1000 टीकाकरण किया जा चुका है, ताकि लंपी वायरस को रोका जाए और गोवंश को इस बीमारी की चपेट में आने से बचाया जा सके। लक्षण के बारे में चिकित्सक ने बताया कि शरीर पर बड़ी गांठ पड़ जाती हैं और पशु को चलने-फिरने में दिक्कत होती है। तापमान बढ़ने के कारण पशु खाना-पीना छोड़ देता है। ऐसे माहौल में पशुपालकों को चाहिए कि वायरस की चपेट में आए पशु को अलग रखा जाए। बेहतरीन चारा और अच्छी देखभाल की जाए ताकि वायरस को मात देकर गोवंश बच सके।