नगरपालिका की 40 कनाल 19 मरले जमीन हुई कब्जा मुक्त, अपील के बाद अदालत ने एचएसआईआईडीसी को दिए जमीन कब्जा मुक्त करने के आदेश
– नपा पूर्व अध्यक्ष सतप्रकाश शर्मा ने वर्ष 2017 में अदालत में दायर किया था केस, अब अदालत ने दिया नगरपालिका के पक्ष में सुनाया फैसला
गन्नौर। एचएसआईआईडीसी फेस 3 के निर्माण में जमीन अधिग्रहण के दौरान एचएसआईआईडीसी बड़ी द्वारा नगरपालिका की 40 कनाल 19 मरले जमीन पर कब्जा कर पक्का निर्माण करवा कर उसे अपनी जमीन में मिला लिया था। विभाग द्वारा नगरपालिका को इस जमीन का कोई मुआवजा भी नहीं दिया गया। जिसके चलते तत्कालीन नगरपालिका पूर्व अध्यक्ष सतप्रकाश शर्मा ने अपना कार्यकाल संभालने के बाद वर्ष 2016 में इस जमीन को वापिस नगरपालिका के नाम करवाने का प्रस्ताव पारित किया था। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2016 में इस जमीन पर नगरपालिका का दोबारा कब्जा लेने के लिए वर्ष 2017 में अदालत में केस दायर कर दिया था। इस केस में उन्होंने जमीन की म्यूटेशन, जमाबंदी व राजस्व रिकार्ड को भी प्रस्तुत किया था जिसमें वह जमीन नगरपालिका के नाम दर्शाई गई थी। रिकॉर्ड के अनुसार नगरपालिका की इस जमीन का इस्तेमाल गन्नौर से लल्हेड़ी व लड़सौली जाने के लिए होता था, लेकिन एचएसआईआईडीसी विभाग ने फेस 3 के निर्माण के दौरान अधिगृहण की गई जमीन के बीच में पड़ने वाले इस जमीन के हिस्से पर भी कब्जा कर पक्की सड़क का निर्माण कर दिया। एचएसआईआईडीसी ने इस जमीन का नगरपालिका को कोई मुआवजा नहीं दिया। इस मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अब एचएसआईआईडीसी को जमीन से कब्जा छोड़ने के आदेश दिए हैं।
– पहले भी लिया था 4 करोड 27 लाख रूपये का मुआवजा
इस बारे में पूर्व प्रधान सतप्रकाश शर्मा ने बताया कि एचएसआईआईडीसी बड़ी के निर्माण के लिए अधिगृहित की गई जमीन में नगरपालिका जमीन को भी कब्जे ले लिया था, लेकिन आज उसका मुआवजा नहीं मिला था। इसके बाद उन्होंने काफी प्रयासों के बाद उस जमीन को नगरपालिका के नाम करवाया था और 4 करोड 27 लाख रूपये का एचएसआईआईडीसी से मुआवजा भी लिया था, जो शहर के विकास कार्यों में खर्च हुआ था। अब 40 कनाल 19 मरले जमीन को भी अदालत ने कब्जा मुक्त करने के आदेश दिए हैं। नगरपालिका को इस जमीन से बहुत फायदा होगा।