नई दिल्ली, 27 मई । राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को नागपुर में चार थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के एचआईवी संक्रमित पाए जाने के मामले में नोटिस भेजकर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
महाराष्ट्र के नागपुर में थैलेसीमिया पीड़ित 4 बच्चे एचआईवी से संक्रमित पाए गए थे। इनमें से एक बच्चे की मौत हो चुकी है। यह सभी बच्चे 10 वर्ष से कम आयु के हैं। थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को नियमित रूप से खून चढ़ाना पड़ता है। ऐसे में नागपुर के यह सभी बच्चे डॉ. विंकी रुग्वानी के अस्पताल में नियमित रूप से खून चढ़वाने के लिए जाते थे। इसी दौरान इन बच्चों में एचआईवी संक्रमण पाया गया। इन बच्चों के अभिभावकों ने कौन से ब्लड बैंक से खून लाया था, इस बारे में ठोस जानकारी सामने नहीं आ पाई है। किसी भी ब्लड बैंक में आने वाले खून कि जांच के लिए न्यूक्लिक एसिड टेस्ट (नैट) कराया जाता है। नैट टेस्टिंग की मिशन लगभग 5 करोड़ रुपये की होती है। नैट टेस्ट के लिए 1200 रुपये खर्च होते हैं। नतीजतन लोग बिना टेस्ट का ब्लड लेते हैं। नागपुर की बहुत सी ब्लड बैंकों में नैट टेस्ट की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में थैलेसिमिया पीड़ित इन 4 बच्चों को एचआईवी संक्रमण हो गया। शहर में इससे पहले भी थैलेसीमिया से पीड़ित पांच बच्चे हेपेटाइटिस सी से संक्रमित हुए थे, जबकि दो बच्चों में हेपेटाइटिस बी का पता चला था।
इस पूरे मामले को एनएचआरसी ने गंभीरता से लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस भेजा है। छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। साथ ही जांच के अंत में दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ और मृत बच्चे के परिवार को मुआवजे के संबंध में क्या कार्रवाई की गई…? इसका स्पष्टीकरण भी एनएचआरसी ने मांगा है।