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मेघालय, नगालैंड और त्रिपुरा में अपने बूते चुनाव लड़ेगी एनपीपी: कॉनराड संगमा

नई दिल्ली, 27 अगस्त। मेघालय की सत्ता पर काबिज नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) अपने विस्तार में जुट गयी है। पार्टी ने खुद को पूर्वोत्तर में मजबूत करने के साथ ही हिन्दी पट्टी के राज्यों में भी पांव पसारने की योजना बनाई है।

मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने शनिवार को यहां कहा कि एनपीपी मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में अपने बूते चुनाव मैदान में उतरेगी। उन्होंने कहा कि एनपीपी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल होते हुए भी इन तीनों राज्यों में अपने उम्मीदवार उतरेगी।

नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के अध्यक्ष कॉनराड के संगमा ने शनिवार को यहां पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया । उन्होंने यह भी घोषणा की कि उनकी पार्टी ओडिशा और छत्तीसगढ़ के आगामी विधानसभा चुनाव में भी उम्मीदवार उतारेगी।

मेघालय के मुख्यमंत्री ने कहा कि एनपीपी उत्तर पूर्व भारत की सीमा के बाहर राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव लड़ने पर विचार कर रही है। उल्लेखनीय है कि एनपीपी ने राजस्थान के पिछले विधानसभा चुनाव में एक सीट पर जीत हासिल की थी।

संगमा ने आगे कहा कि एनपीपी मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों के आने वाले चुनावों पर ध्यान केंद्रित करेगी।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए संगमा ने कहा कि अपनी स्थापना के छह साल से भी कम समय में एनपीपी को एक राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला है जबकि कई अन्य राजनीतिक दल अभी भी ये दर्जा प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह केवल गौरव और सम्मान की बात नहीं है बल्कि एक संकेत है कि इस क्षेत्र में पार्टी को व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है। लोग चाहते हैं कि एनपीपी अधिकारों से वंचितों की आवाज बने और उन लोगों को अपनी बात रखने का मौका दे, जो लगातार नजरअंदाज किए जा रहे हैं।

मेघालय के मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे गुरु पीए संगमा भारत के दलित आदिवासी समाजों के मसीहा थे। ये लगातार हमें प्रेरित कर रहे हैं और हम उनकी सोच और दृष्टिकोण के अनुसार ही तय कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं ।”

कॉनराड के संगमा ने जनजातीय समुदाय की द्रौपदी मुर्मू को भारत के राष्ट्रपति के रूप में चुनने के लिए राष्ट्र को धन्यवाद दिया। उन्होंने द्रौपदी मुर्मू को यह अवसर देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा को भी धन्यवाद दिया। कॉनराड के संगमा ने कहा कि ”यह मेरे पिता स्व. पीए संगमा का एक लंबे समय से देखा गया सपना था कि हमारे देश में एक दिन एक आदिवासी राष्ट्रपति हो, जो द्रौपदी मुर्मू जी की भारत के राष्ट्रपति के रूप में नियुक्ति के माध्यम से पूरा हुआ है।”

संगमा ने कहा कि हम भारत के संविधान निर्माता बीआर अम्बेडकर के शब्दों में विश्वास करते हैं कि राजनीतिक शक्ति विकास की मुख्य कुंजी है और हमारा उद्देश्य इस राजनीतिक शक्ति को सामाजिक रूप से उत्पीड़ित समुदायों को सौंपना है। ये प्राकृतिक दुनिया के सबसे अच्छे संरक्षक हैं लेकिन ये भयानक नस्लवाद और अपने समुदायों के प्रति नरसंहार हिंसा का अनुभव करते हैं। उनकी भूमि और संसाधन लाभ के लिए चुराए जाते हैं और उनके जीवन के तरीकों को जानबूझकर और व्यवस्थित रूप से नष्ट किया जा रहा है। एनपीपी इन समुदायों की आवाज है और उन्हें प्रदर्शन करने के लिए एक मंच देना चाहती है।

एनपीपी प्रमुख ने आगे कहा कि उनकी पार्टी ने देश के विभिन्न हिस्सों विशेष रूप से पूर्व और उत्तर-पूर्व में अपनी मौजूदगी को मजबूत किया है और उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है, जो इस क्षेत्र को जोड़ते हैं। हमारे लोगों की आवाज को सुनने के लिए कान खोल कर एक टीम के रूप में काम करते हैं।

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