हरियाणा

बॉन्ड पॉलिसी-: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की तरफ से निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवांए रही बंद

सोनीपत
प्रदेश सरकार द्वारा लागू की बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे एमबीबीएस विद्यार्थियों के समर्थन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के सदस्यों ने निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद रखी। जिसके कारण सोमवार को निजी अस्पतालों में पहुंचे मरीज इलाज के लिए भटकते रहे। कई अस्पतालों में स्टाफ ने मरीजों को वापस भेज दिया तो कई में ओपीडी सेवाएं पहले की तरह जारी रही। वहीं नागरिक अस्पताल में भी काफी भीड़ रही। सुबह 9 बजे से दोपहर बाद 3 बजे तक 1548 तक ओपीडी पहुंची। आईएमए के प्रधान डॉ. परमजीत दहिया ने कहा कि अगर सरकार ने बॉन्ड पॉलिसी को वापस नहीं लिया तो निजी अस्पतालों में वह सभी सेवाएं बंद करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। जरूरत पड़ने पर निजी अस्पतालों के साथ सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों का भी सहयोग लिया जाएगा।  
बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे एमबीबीएस विद्यार्थियों के समर्थन में आंदोलन तेज हो रहा है। आईएमए के सदस्य सोमवार को निजी अस्पतालों में 12 घंटे के लिए ओपीडी बंद करके हड़ताल में शामिल हुए। जिससे नागरिक अस्पताल में सोमवार को 1548 मरीजों की ओपीडी हुई। ओपीडी परिसर में हर चिकित्सक कक्ष के बाहर मरीजों की लंबी लाइन लगी रही। जिससे मरीजों को अपनी स्वास्थ्य जांच कराने के लिए काफी देर तक इंतजार करना पड़ा। निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद होने के कारण मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी हुई। अस्पताल के स्टाफ ने ओपीडी बंद होने की बात कहकर उन मरीजों को वापस लौटा दिया। जिससे मरीज निजी अस्पतालों के बाहर इलाज के लिए कराहते नजर आए। कई मरीज इलाज कराने के लिए नागरिक अस्पताल पहुंचे। वहां पर ओपीडी पर्ची काउंटर से लेकर हर चिकित्सक कक्ष के बाहर मरीजों की भीड़ रही। 
आईएमए के सदस्यों ने एकत्रित होकर जताया रोष-
आईएमए के पदाधिकारी व सदस्य निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद करके एमबीबीएस विद्यार्थियों के समर्थन में सोमवार दोपहर सेक्टर-14 स्थित पार्क मेंं एकत्रित हुए। इस दौरान आईएमए के प्रधान डॉ. परमजीत दहिया ने बताया कि  रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अलावा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्य एमबीबीएस विद्यार्थियों के आंदोलन का समर्थन कर रहे है। उन्होंने सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि विद्यार्थियों की मांग पर विचार करने के लिए संवाद स्थापित किया जाना चाहिए और बॉन्ड सिस्टम को खत्म किया जाना चाहिए। एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के अभिभावकों के पास इतना पैसा नहीं है कि वह बॉन्ड की राशि समय पर चुका सके। सरकार विद्यार्थियों की तरफ ध्यान देकर उनकी समस्या का जल्द समाधान करे। जिससे निजी चिकित्सकों को आंदोलन तेज करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। इस दौरान डॉ. एसके शर्मा, डॉ. पंकज खुराना, डॉ. मंजू आर्य, डॉ. अतुल पाटिल, डॉ. दिनेश गुप्ता समेत कई अन्य चिकित्सक भी मौजूद रहे।  
हरियाणा अस्पताल में लगी ओपीडी, प्रधान ने आईएमए का सदस्य न होने की कही बात-
बहालगढ़ रोड स्थित निजी हरियाणा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में रोजाना की तरह ओपीडी लगी। इस पर आईएमए के प्रधान डॉ. परमजीत दहिया ने कहा कि उस अस्पताल संचालक को एमबीबीएस विद्यार्थियों से कोई लेना-देना नहीं है। उस अस्पताल में चिकित्सा सेवा का सिर्फ व्यापारीकरण हो रहा है। उस अस्पताल के संचालक को आईएमए से कोई वास्ता नहीं है और न ही एसोसिएशन का सदस्य है। 

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