हरियाणा

तीन माह में हरियाणा के सभी सरकारी भवनों की फायर सेफ्टी ऑडिट के आदेश

मुख्य सचिव ने फायर सेफ्टी ऑडिट के संबंध में की बैठक

सिनेमाघरों व मल्टीप्लेक्स के विशेष फायर सेफ्टी ऑडिट के आदेश

चंडीगढ़, 21 जून । हरियाणा सरकार प्रदेश में सभी सरकारी भवनों में आग की घटनाओं से बचाव के लिए फायर सेफ्टी नियमों को लागू करने के आदेश जारी किए हैं। मुख्य सचिव संजीव कौशल ने मंगलवार को चंडीगढ़ में फायर सेफ्टी ऑडिट को लेकर बैठक की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी तीन माह में सभी भवनों में फायर सेफ्टी मानदंडों को पूरा करें। पिछले 3 महीने में इस विषय पर यह तीसरी समीक्षा बैठक की गई है।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी एक सप्ताह में प्रदेश में संचालित सिनेमाघरों व मल्टीप्लेक्स का विशेष फायर सेफ्टी ऑडिट किया जाए। इसके बाद दूसरे चरण में विश्वविद्यालयों, विशेष तौर पर हॉस्टलों का भी फायर सेफ्टी ऑडिट किया जाएगा।

कौशल ने कहा कि असमय होने वाली आग की घटनाओं से न केवल सम्पति का नुकसान होता है, बल्कि नागरिकों की जान भी खतरे में आ जाती है इसलिए सभी सरकारी भवनों में आग से बचाव के पूरे इंतजाम होने चाहिए।

बैठक में अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि करनाल के कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज, फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज, धौज, ईएसआईसी, फरीदाबाद, महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज, अग्रोहा, हिसार, महर्षि मारकंडेश्वर यूनिवर्सिटी, मुलाना, अंबाला, एनसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, इसराना, पानीपत और शहीद हसन खान मेवाती राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, नल्हड़, मेवात में फायर सेफ्टी मानदंड पूर्ण हैं और इन्हें एनओसी जारी किया जा चुका है। इनके अलावा, पीजीआईएमएस, रोहतक में ऑपरेशन थियेटर, ट्रॉमा सेंटर, ऑडिटोरियम भवनों में फायर सेफ्टी के लिए एनओसी जारी की जा चुकी है, शेष ब्लॉक के लिए भी जल्द एनओसी जारी कर दी जाएगी।

गुरुग्राम के निजी विश्वविद्यालय एसजीटी यूनिवर्सिटी, बुढेडा को भी एनओसी जारी किया जा चुका है। प्रदेश में 13 में से 10 मेडिकल कॉलेज/संस्थान फायर सेफ्टी उपकरणों से पूरी तरह सुसज्जित हैं। शेष कॉलेज/संस्थान को फायर सेफ्टी मानदंड पूरे करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

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तीन माह में सभी नागरिक अस्पतालों में जांच के आदेश

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में कुल 28 नागरिक अस्पताल संचालित हैं, इनमें से अधिकांश में फायर सेफ्टी मानदंडों को कार्यान्वित किया गया है। कुछ अस्पतालों में मानदंड पूरा न होने के कारण एनओसी जारी नहीं की गई है। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी नागरिक अस्पतालों में सितंबर तक फायर सेफ्टी मानदंड अमल में लाए जाएं। इस कार्य में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसी प्रकार जिला जेलों में भी जो आवश्यक बदलाव किए जाने हैं, उनकी भी विस्तृत सूची तैयार की जाए और जल्द संबंधित विभागों के साथ बैठक कर कार्ययोजना बनाई जाए।

आग से बचाव के होने चाहिए पूरे प्रबंध

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मार्केट कमेटी के भवनों में फायर सेफ्टी उपकरण सहित अन्य आवश्यक प्रबंध आगामी 30 नवंबर तक पूरे किए जाएं। यार्ड या शेड में भी खाद्यान्न व अन्य सामग्री के आग से बचाव के लिए भी जरूरी दिशा-निर्देश दिए जाएं और अग्निशमन व्यवस्था सही होनी चाहिए।

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जिला सचिवालयों, निगम व पालिका कार्यालयों में होगी जांच

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लघु सचिवालयों, नगर निगमों, समितियों व पालिकाओं के भवनों को भी 30 नवंबर तक पूरी तरह फायर सेफ्टी उपकरणों से सुसज्जित किया जाए ताकि आग की घटनाओं पर रोक लग सके और किसी भी प्रकार की जान-माल की हानि न हो।

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