प्रधानमंत्री ने कोयला क्षेत्र से भ्रष्टाचार समाप्त कर खदान नीलामी को बनाया पारदर्शी : अमित शाह
नई दिल्ली, 12 जुलाई ।, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि 2014 से पहले कोयला क्षेत्र भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुका था, ‘पहले आओ पहले पाओ’ की नीति थी जिस पर कैग ने कई सवाल उठाये व सुप्रीम कोर्ट ने भी कई आवंटन रद्द किए थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोयला क्षेत्र से भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त कर खदानों की नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में छठी ‘खान एवं खनिज राष्ट्रीय सगोष्ठी’ को संबोधित किया। कार्यक्रम में केन्द्रीय खान, कोयला एवं संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी और केन्द्रीय खान, कोयला एवं रेल राज्यमंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
खनन क्षेत्र के उद्यमियों से अपील करते हुए शाह ने कहा कि सिर्फ कम्पनी का साइज बदलने की मत सोचिए, अब स्केल बदलने का जमाना आ गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कोयला क्षेत्र में आपके लिए अपार संभावनाएं खोलने का काम किया है।
शाह ने कहा कि खदान क्षेत्र के लिए सटीक नीति निर्धारण किए बिना देश का विकास संभव नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए भारत को कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भर और विश्व की तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कई सफल नीतिगत सुधार किए हैं।
इन सुधारों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हम सिर्फ खनिज संसाधनों के कच्चे माल के निर्यात तक सीमित ना रहें, इससे बनने वाले अंतिम उत्पादों का निर्माण भी भारत में हो जो यहीं से फाइनल प्रोडक्ट के रूप में वो विश्व के बाजारों में जाये। आठ साल में मोदी सरकार ने इसके लिए सटीक नीति व समुचित इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया है।
उन्होंने आगे कहा कि डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड (डीएमएफ) की स्थापना कर प्रधानमंत्री ने खनन वाले क्षेत्रों में रहने वाले जनजातीय भाई-बहनों को उनका अधिकार देने का काम किया है। इससे पहली बार जनजातीय क्षेत्रों का समावेशी विकास हो रहा है। डीएमएफ के अंतर्गत अब तक 63,845 करोड़ से अधिक दिए जा चुके हैं।