उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में विकास प्राधिकरणों के सीमा विस्तार की तैयारी

-अनियोजित विकास पर लगाम लगाने की दिशा में योगी सरकार का बड़ा कदम

-चरणबद्ध ढंग से बढ़ेगा प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों का भौगोलिक दायरा

लखनऊ, 23 जुलाई। योगी सरकार 18 नई नगर पंचायतों के गठन और 20 निकायों के सीमा विस्तार के बाद अब विकास प्राधिकरणों के दायरे को बढ़ाने जा रही है। पहले चरण में लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज और अन्य विकास प्राधिकरणों के सीमा विस्तार की तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद शासन स्तर पर इस बाबत कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

सीमा विस्तार की इस कवायद के पीछे मुख्यमंत्री की मंशा अनियोजित विकास की मुश्किलों को खत्म करना है। दसअसल, शहरों में मनमाने ढंग से बस रहीं कॉलोनियों में जनसुविधाओं के अभाव से बड़ी समस्या हो रही है। अनियोजित कॉलोनियों में अतिक्रमण की समस्या है तो सीवर, पेयजल की सुलभता, कूड़ा प्रबंधन, सड़कों की मरम्मत की कोई ठोस कार्ययोजना न होने से यहां आम आदमी नारकीय जीवन जीने को विवश होते हैं। यही नहीं, इन कॉलोनियों में मनमाने ढंग से बनाये गए आवास एक समय के बाद बड़ी मुसीबतों का सबब भी बनते रहे हैं। हाल के दिनों में कई मंचों पर मुख्यमंत्री ने अनियोजित विकास की समस्या की समाप्ति के लिए प्रतिबद्धता भी जताई है।

हाल ही में नगर विकास और आवास विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने शहरों के अनियोजित विकास की समस्या के स्थायी समाधान की जरूरत बताई थी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विकास प्राधिकरण, नगरीय निकाय, स्थानीय प्रशासन और पुलिस यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी किसी भी परिस्थिति में अवैध बस्तियां, रिहायशी कॉलोनी बसने न पाए। समग्र विकास के लिए शहरीकरण पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने विभिन्न नगर पालिकाओं, नगर निगमों और नगर पंचायतों के सीमा विस्तार के निर्देश दिए थे।

इसी क्रम में अब विकास प्राधिकरणों की भौगोलिक सीमा विस्तार की कवायद होनी है। सीमा विस्तार से रिहायशी इलाकों में नगरीय सुविधाओं की उपलब्धता तो होगी ही, प्राधिकरणों की आय में भी बढ़ोतरी होगी। तैयारी है कि लखनऊ प्राधिकरण की सीमा को बाराबंकी, उन्नाव और सीतापुर जिले की सीमा से लगे लखनऊ के इलाकों तक बढ़ाया जाए तो गोरखपुर जिले में पीपीगंज, पिपराइच, कौड़ीराम आदि क्षेत्रों को गोरखपुर विकास प्राधिकरण में शामिल करने की तैयारी है।

नियोजित विकास पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने हर विकास प्राधिकरण और नगरीय निकाय में टाउन प्लानर की तैनाती के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि आईआईटी अथवा राज्य सरकार द्वारा संचालित तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों का सहयोग भी शहरी नियोजन में लिया जाना चाहिए।

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