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अपने कार्यकाल में पूर्वोत्तर के विकास की राह में आने वाली सभी बाधाओं को दूर किया : प्रधानमंत्री मोदी

शिलांग/नई दिल्ली, 18 दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार ने अपने आठ साल के कार्यकाल में पूर्वोत्तर के विकास की राह में आने वाली सभी बाधाओं को दूर किया है। उन्होंने कहा कि आज डंके की चोट पर बॉर्डर पर निर्माण कार्य चल रहा है।

मेघालय के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री आज शिलांग में पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने यहां पूर्वोत्तर में दूरसंचार कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने वाले कदम के तौर पर 4जी मोबाइल टावर्स और उमसावली में आईआईएम शिलांग के नए परिसर का उद्घाटन सहित 2450 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का उद्घाटन, और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में आवास, सड़क, कृषि, दूरसंचार, आईटी, पर्यटन और आतिथ्य सहित विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं।

कतर में फीफा विश्व कप फाइनल को लेकर मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार ने पूर्वोत्तर के विकास के रास्ते में आने वाली कई बाधाओं को लाल कार्ड दिखाया है। उन्होंने कहा कि पहले पूर्वोत्तर को विभाजित करने का प्रयास किया गया था। हम इन विभाजनों को दूर कर रहे हैं। हम विवादों की सीमा नहीं बल्कि पूर्वोत्तर में विकास के गलियारे बना रहे हैं।

उन्होंने कहा, “लंबे समय तक जिन दलों की सरकारें रहीं, उनकी नॉर्थ ईस्ट के लिए डिवाइड सोच थी और हम डिविजन को दूर करने का इरादा लेकर आए हैं। अलग-अलग समुदाय हो या फिर अलग-अलग क्षेत्र, हम हर प्रकार के डिविजन को दूर कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों में उत्तर-पूर्व के विकास से जुड़ी अनेक रुकावटों को हमने रेड कार्ड दिखा दिया है। भ्रष्टाचार, भेदभाव, भाई-भतीजावाद, हिंसा, प्रोजेक्ट्स को लटकाना, भटकाना, वोट बैंक की राजनीति को बाहर करने के लिए हम ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले 8 सालों में कई संगठनों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति का रास्ता अपनाया। पूर्वोत्तर में अफस्पा (सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम) की जरूरत न रहे, इसके लिए राज्य सरकारों के साथ समन्वय कर स्थिति में लगातार सुधार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों के बीच दशकों से चले आ रहे सीमा विवाद सुलझाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक देश में ये सोच रही है कि बॉर्डर एरिया में विकास होगा, कनेक्टटिविटी बढ़ेगी तो दुश्मन को फायदा होगा। पहले की सरकार इसी सोच के कारण नॉर्थ ईस्ट समेट देश के सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर नहीं हो पाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए पूर्वोत्तर अंतिम छोर नहीं हैं, बल्कि सुरक्षा और समृद्धि के द्वार हैं। राष्ट्र की सुरक्षा भी यहीं से सुनिश्चित होती है और दूसरे देशों से व्यापार-कारोबार भी यहीं से होता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि क्षेत्र को प्रदान की गई बेहतर हवाई कनेक्टिविटी से कृषि उपज के निर्यात में मदद मिल रही है, जिससे किसानों को लाभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का अंतिम लक्ष्य निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करना और सभी क्षेत्रों में समावेशी विकास लाना है।

उन्होंने कहा कि खेलों को लेकर केंद्र सरकार आज एक नई अप्रोच के साथ आगे बढ़ रही है। इसका लाभ नॉर्थ ईस्ट को हुआ है, नॉर्थ ईस्ट के युवाओं को हुआ है। देश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी नॉर्थ ईस्ट में है। उन्होंने कहा कि आज डंके की चोट पर बॉर्डर पर नई सड़कें, नई टनल, नए पुल, नई रेल लाइन, नए एयर स्ट्रिप बनाने का काम तेज़ी से चल रहा है। जो सीमावर्ती गांव कभी वीरान हुआ करते थे, हम उन्हें वाइब्रेंट बनाने में जुटे हैं।

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