अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर परियोजना वर्कर्स ने शहर में किया प्रदर्शन
-डीसी कार्यालय पर शुरू किया पड़ाव
फतेहाबाद
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सैंकड़ों परियोजना वर्कर्स द्वारा फतेहाबाद में रोष प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हैल्पर्स, आशा वर्कर्स, मिड डे मील वर्कर्स के अलावा महिला समिति की सदस्यों ने भी भाग लिया। परियोजना वर्कर्स उपायुक्त कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुईं और वहां से रोष प्रदर्शन करते हुए लाल बत्ती चौक पहुंची। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उसके बाद डीसी कार्यालय के बाहर 24 घंटे के लिए पड़ाव शुरू किया। प्रदर्शन का नेतृत्व आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन की जिला प्रधान गगनदीप कौर, आशा वर्कर यूनियन से शीला शक्करपुरा, मिड डे मील यूनियन से गगनदीप कौर ने संयुक्त रूप से किया वहीं संचालन सुमन दैयड़ व माया पीलीमंदौरी ने किया।
इस अवसर पर परियोजना वर्कर्स ने एडीसी को प्रधान और मुख्यमंत्री के नाम मांगपत्र भी सौंपा। पड़ाव को सीटू जिला प्रधान मदन सिंह, जिला सचिव ओमप्रकाश अनेजा, कैशियर बेगराज, महिला समिति प्रधान सुनीता, पुष्पा रतिया, भागी भट्टू, सुनीता लहरियां, वीना सहनाल, सुमन धारनियां, मंजूला बोदीवाली, सुलोचना, बिमला गाजूवाला, ब्रह्मी सरवरपुर आदि ने भी संबोधित किया।
पड़ाव को संबोधित करते हुए सुनीता झलनियां ने कहा कि जहां आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाकर महिलाओं को सम्मान देने की बात कर रहे हैं वहीं अपने हकों को लेकर आवाज उठाने वाली महिलाओं का सरकार भारी दमन और उत्पीड़न कर रही है। आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं आशा वर्कर्स के आंदोलन को जिस तरह दबाने की कोशिशें की जा रही है वह बेहद निंदनीय है। उन्होंने कहा कि जनतंत्र में सभी को प्रतिरोध का अधिकार है परंतु पिछले कुछ समय से आंदोलनकारी महिलाओं का लगातार दमन और उत्पीड़न हो रहा है। इस प्रकार का दमन तुरंत बंद होना चाहिए।
परियोजना वर्कर्स ने मांग की कि 17 फरवरी को आशा वर्कर्स एवं 3 मार्च को आंगनबाड़ी वर्कर्स के आंदोलन में महिलाओं का पीछा करने वाले, उनके साथ हाथापाई करने वाले पुरुष पुलिस कर्मचारियों पर कार्रवाई हो और प्रशासनिक अधिकारियों की जवाबदेही तय हो। आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मुकदमें निरस्त किए जाएं। इसके अलावा उन्होंने सभी वर्कर्स एवं हैल्पर्स का टर्मिनेशन रद्द कर उनकी सेवाएं निरंतरता में जारी रखने, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं को तुरंत लागू करने, आशा वर्कर्स की मांगों बारे स्वास्थ्य मंत्री के साथ बनी सहमति का नोटिफिकेशन तुरंत जारी करने, मदर गु्रप की महिलाओं को काम पर बुलाने, परियोजना वर्कर्स को पक्का कर न्यूनतम 24 हजार वेतनमान लागू करने, सामाजिक लाभ देने, समान काम-समान वेतन सुनिश्चित करने की मांग की। इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 वापस लेने, महिलाओं को किसानों व मजदूरों के रूप में मान्यता देने, तमाम कामकाजी महिलाओं को प्रसुति लाभ देने, कार्यस्थलों पर यौन हिंसा व उत्पीड़न रोकथाम कानून को कड़ाई से लागू कर कमेटियों का गठन करने की मांग की।