हरियाणा

भावी पीढ़ी को गुरू की शिक्षा देने के लिए गुरुबाणी,गुरु ग्रंथ साहिब की शिक्षाओं का प्रचार करें:मनोहर लाल

हिसार, 13 नवम्बर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है समागम निरंतर होते रहने चाहिए, जिससे न केवल आने वाली पीढ़ी को महापुरुषों की जीवनी से प्रेरणा मिलती है। यही नहीं, इससे समाज में एक नई ऊर्जा, ताकत और सामाजिक सुरक्षा की भावना का संचार भी होता रहे।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल रविवार को हांसी में बाबा बंदा सिंह बहादुर की स्मृति में आयोजित 76वें वार्षिक दीवान के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर माथा टेक रहे थे। दीवान में प्रदेशभर से बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी उन्हें मौका मिलता है, वे इस प्रकार के समागम में अवश्य पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादुर की जीवनी को हम पढ़ते हैं या कलाकारों के माध्यम से उनकी जीवनी को नाटक द्वारा दर्शाया जाता है उसे देखते हैं और उनके जीवन पर तैयार भजन सुनते हैं तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं कि किस प्रकार का उनका जीवन रहा।

बाबा बंदा सिंह बहादुर ने अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए मुगलों के खिलाफ लड़ाइयां लड़ कर देश में गुलामी को खत्म करके आजादी का परचम लहराने में योगदान दिया। बाबा बंदा सिंह बहादुर ने गुरु पुत्रों की शहादत का बदला भी लिया और अपनी शहादत भी दी। यहां तक की अपने पुत्र का भी उन्होंने बलिदान दिया। यह वास्तव में प्रेरणादायक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरू नानक देव जी ने बाबा बंदा सिंह बहादुर को प्रेरणा दी कि संत की बजाय सिपाही की तरह कार्य करो। बाबा बंदा सिंह बहादुर समाज के लिए तो संत थे, लेकिन समाज के दुश्मनों के लिए एक सिपाही थे। उन्होंने हथियार उठाए, देश की रक्षा की और सबसे पहले सिख राज्य की स्थापना करके लोहगढ़ में राजधानी बनाई। समाज की भलाई के लिए उन्होंने अनेक काम किए।

हांसी में भी कोई ऐतिहासिक स्थल बनाया जाए, जिससे हांसी का नाम उज्ज्वल हो। मुख्यमंत्री ने हांसी का जिक्र करते हुए कहा कि हांसी का अपना एक प्रेरणादायी इतिहास है। महाराजा पृथ्वीराज चौहान की राजधानी हांसी थी, उन्होंने सारी लड़ाई हांसी से ही लड़ी। हांसी की लाल सडक़ की कहानी हम सुनते हैं कि कैसे यहां के नागरिकों द्वारा शहादत दी गई। इसके साथ लगते रोहनात गांव की शहादत की कहानियां भी सबने सुनी हैं। उन्होंने कहा कि हांसी का ऐतिहासिक महत्व है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादुर की स्मृति में सोसायटी बनी हुई है, यह लगातार अपना कार्य कर रही है। आने वाली पीढ़ी को गुरू की शिक्षा मिले, इसलिए गुरुबाणी, गुरू ग्रंथ साहिब की शिक्षाओं का अधिक से अधिक प्रचार करें। इसके लिए जहां गुरुद्वारे नहीं है, वहां गुरुद्वारे बनवाने का प्रयास करें और इस कार्य में राज्य सरकार की ओर से भी पूरी मदद की जाएगी।

कार्यक्रम को मंत्री डा. कमल गुप्ता, राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा, विधायक विनोद भयाणा, के अलावा बाबा बंदा सिंह बहादुर के वंशज जतिंद्र पाल सिंह सोढी, लोकसभा सांसद संजय भाटिया, सांसद बृजेंद्र सिंह, जींद के विधायक कृष्ण मिढा, सहित अन्य गणमान्य अतिथि आदि उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker