वज्रपात से बचाव के लिए जनजागरुकता जरूरी : एडीएम
मीरजापुर, 31 दिसम्बर। नगर के सिटी क्लब सभागार में शनिवार को आयोजित वज्रपात सुरक्षा एवं जागरुकता कार्यक्रम के प्रशिक्षण के दौरान मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि वज्रपात से बचाव के लिए जन सहभागिता व जनजागरुकता बहुत जरूरी है। प्रशिक्षण कार्यक्रम उप्र राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं टाइम्स सेंटर फॉर लर्निंग लिमिटेड द्वारा संचालित किया गया।
मुख्य अतिथि ने कहा कि मीरजापुर जनपद विंध्य पहाड़ियों की गोद में स्थित है। इसका ज्यादातर इलाका पठारी है। इस कारण बरसात के मौसम में यहां अन्य जनपदों के मुकाबले आकाशीय बिजली से ज्यादा नुकसान होता है। हर साल दर्जनों लोग काल के गाल में समा जाते हैं। पशुहानि भी होती है। चूंकि इस आपदा का कोई पूर्वानुमान नहीं होता और न ही इसे रोकने या नियंत्रित करने के उपाय हैं। इसलिए कुछ सावधानियों से खतरे को कम किया जा सकता है। अगर किसी क्षेत्र में मौसम खराब है या बादल गरज रहे हैं तो दामिनी ऐप के माध्यम से यह पता चल जाएगा कि आप वज्रपात वाले एरिया में हैं या नहीं।
कार्यक्रम के बारे में टाइम्स सेंटर फॉर लर्निंग लिमिटेड के सलाहकार मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देश में वज्रपात से होने पर मृत्यु को कम करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक प्रभावित तीन जनपद प्रयागराज, मीरजापुर एवं सोनभद्र में उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वित्तीय सहयोग में कार्यदायी संस्था टीसीएलएल द्वारा व्रजपात सुरक्षा-जागरुकता कार्यक्रम का संचालन शुरू किया गया है।
प्रशिक्षण देते हुए मनोज कुमार सिंह ने बताया कि जागरुकता की कमी, प्रभावित क्षेत्रों में पूर्व चेतावनी का सही न पहुंचना, ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे घर, हाई टेंशन लाइन, ऊंचे वृक्ष, जल स्रोतों जैसे तालाब, पोखरा इत्यादि का होना वज्रपात से होने वाली जन हानि के प्रमुख कारण हैं। प्रशिक्षक सत्येंद्र पटेल ने बाढ़ प्रबंधन एवं बाढ़ में बचने केे उपाय, सांप के काटने पर प्राथमिक उपचार, वज्रपात से घायल व्यक्ति का प्राथमिक उपचार, सीपीआर तकनीकी आदि पर प्रशिक्षण दिया।