हरियाणा

 खाद वितरण प्रणाली पर उठे सवाल, मशीन के रिकार्ड में 9 हजार एमटी यूरिया, मिला महज 2800 एमटी, किसानों को समय पर नहीं मिल पा रहा यूरिया

सोनीपत
जिले में खाद् वितरण प्रणाली को लेकर सवाल उठने लगे है। सरकार की तरफ से खाद् वितरण प्रणाली मे पारदर्शिता लाने के लिए किसानों को पीओएस मशीन के जरिए खाद् वितरण प्रणाली को शुरू किया। कृषि विभाग की तरफ से पीओएस व फिजिकल खाद् की जांच की। जिसमें रिकार्ड अलग-अलग पाया गया। अलग-अलग विक्रेताओं के पास मौजूद पीओएस मशीनों में 9 हजार एमटी यूरिया बैग का स्टॉक मिला। जबकि भौतिक जांच में करीब 2800 एमटी यूरिया खाद का स्टॉक ही कृषि विभाग को प्राप्त हुआ है। कृषि विभाग की तरफ से जांच करने के लिए तीन टीमों का गठन किया है। जोकि न सिर्फ मिसमैच रिकार्ड की जांच करेगी, बल्कि अगर किसी किसान को खाद प्राप्त नहीं हो पा रहा है तो उसकी शिकायत का निवारण भी उक्त टीमें करेगी।
बता दें कि प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशों पर कृषि विभाग ने खाद् वितरण प्रणाली को आॅनलाइन करने की प्रक्रिया को अमल में लाया था। बायोमैट्रिक हाजिरी के माध्यम से ही किसानों को खाद वितरित किया जाता है। पीओएस मशीन में पूरे खाद के स्टॉक का रिकार्ड आॅनलाइन होता है। लेकि कृषि विभाग की जांच में सामने आया है कि जिले में पीओएस मशीन के रिकार्ड और भौतिक खाद के स्टॉक में काफी अंतर है। इसकी जांच की जाएगी। कृषि विभाग ने सभी खाद विक्रेताओं को अपन रिकार्ड दुरुस्त करने के निर्देश भी जारी किए है। हालांकि इस संबंध में अधिकारियों की माने तो रिकार्ड में मिसमैच की एक बड़ी वजह कुछ मशीनों में तकनीकी खराबी व मशीन में रिकार्ड अपडेट होने से पहले देरी भी बताया जा रहा है।
जिले में दिसंबर माह में 15 हजार मीट्रिक टन खाद की रहती है डिमांड-
मिली जानकारी के अनुसार जिले में किसानों ने करीब 2 लाख हैक्टेयर भूमि पर सरसों सहित गेंहू की फसलें की बिजाई की हुई है। ऐसे में दिसम्बर माह में जिले में 15 हजार मीट्रिक टन खाद की डिमांड बनी हुई है। इसमें से अब तक करीब 6 हजार मीट्रिक टन यूरिया खाद जिले में पहुंच चुका है। इसके अतिरिक्त सप्ताह भर के अंदर करीब इतने ही खाद के रैक प्रस्तावित है। कृषि अधिकारियों के अनुसार मौजूदा समय में खाद की जिले में कोई किल्लत नही है। दिसम्बर माह में डीएपी खाद की डिमांड काफी घट गई है।

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