श्रीमद्भागवत गीता को पढ़ने से हमें जीवन में सही राह चुनने में मिलती है मदद: सियाराम शरण
– वृंदावन से पहुंचे कथावाचक ने कहा कि भागवत कथा भक्ति का मार्ग करती है प्रशस्त
– सेक्टर-15 स्थित जागृति धाम मंदिर में श्रीमद्भागवत ज्ञान महायज्ञ हो रहा भव्य आयोजन
सोनीपत, 19 सितंबर। शहर के सेक्टर-15 स्थित जागृति धाम मंदिर में चल रहे श्रीमद्भागवत ज्ञान महायज्ञ के दूसरे दिन वृंदावन से पहुंचे कथावाचक स्वामी सियाराम शरण जी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा मनुष्य की सभी इच्छाओं को पूरा करती है । यह कल्पवृक्ष के समान है। भागवत कथा ही साक्षात कृष्ण हैं और जो कृष्ण हैं वही साक्षात भागवत है । उन्होंने जोर देकर कहा कि भागवत कथा भक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है । उन्होंने कहा कि भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है जो जीवन में परेशानियों का बेहतर समाधान देती हैं, साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करती है । कथावाचक स्वामी सियाराम शरण जी महाराज के प्रवचन सुनकर श्रद्धालुगण भाव-विभोर हो गए । संगीतमय कथा के साथ ही बिहारी शरणदास जी महाराज के भजन सुनकर झूमने लगे। इस अवसर पर आयोजक महावीर गर्ग, विश्व हिन्दू परिषद् के जिला उपाध्यक्ष पवन गर्ग, भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रेखा गर्ग, भाजपा के जींद जिला विस्तारक सुशील बाल्यान सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे ।
कथावाचक सियाराम शरण जी महाराज ने कहा कि कल्याण के लिए जीव को सत्संग की आवश्यकता है । इसके सेवन, श्रवण अथवा दर्शन से ही मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश ही श्रीमद्भागवत गीता में लिखे गए हैं। उन्होंने कहा कि जब भी आप किसी दुविधा या परेशानी में हो तो श्रीमद्भागवत गीता को पढ़ लें। क्योंकि इसमें लिखे गए श्लोक आपको सही मार्ग दिखाने में सहायक होते हैं। श्रीमद्भागवत गीता को पढ़ने से हमें जीवन में सही रहा चुनने में मदद मिलती है । ये ग्रंथ हमें जीवन की बुरी परिस्थितियों से कैसे निकला जाए इसका ज्ञान भी देता है। भागवत में श्रीकृष्ण ने कहा है कि गुरु को मेरा ही स्वरूप मानना चाहिए, उनका कभी अपमान नहीं करना चाहिए क्योंकि गुरु सर्वदेवमय हैं । जो लोग चिंता या तनाव में रहते हैं उनको श्रीमद्भागवत गीता को जरूर पढ़ना चाहिए। इसे पढने से चिंता एकदम दूर हो जाती है। श्रीमद्भागवत गीता में लिखा गया है कि चिंता और तनाव से जितना हो सके उतना दूर रहना चाहिए। जीवन में सफलता पाने के लिए हम लोग दिन रात मेहनत किया करते हैं। लेकिन कई बार सफलता हम लोगों के हाथ नहीं लग पाती है। गीता के अनुसार असफल होने पर हमें निराश नहीं होना चाहिए और अपने मन को सदा शांत रखना चाहिए। श्रीमद्भागवत गीता में लिखे गए एक श्लोक के अनुसार अशांत मन से किया गया काम सफल नहीं होता है। इसलिए जिस काम को भी आप करें तो सबसे पहले अपने मन पर काबू पाएं और शांत मन के साथ काम करें। संगीतमय श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ के आयोजक पवन गर्ग ने बताया कि जागृति धाम मंदिर में 24 सितंबर तक प्रतिदिन दोपहर दो बजे से शाम 6 बजे तक संगीतमय कथा का आयोजन होगा। उन्होंने बताया कि 25 सितंबर को सुबह 9.30 बजे ज्ञान यज्ञ के समापन पर हवन यज्ञ व भंडारे का आयोजन किया जाएगा।