मिशन 2023 पर संघ का इशारा.. हिंदुत्व हमारा!
सरकार-संगठन से कहा- लच्छेदार बातों से सरकार नहीं बनेगी, एजेंडा बताएं
भोपाल
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव मैदान में बीजेपी हार्डकोर हिंदुत्व एजेंडे के साथ उतरेगी। इसका इशारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (संघ) ने एमपी बीजेपी के कोर ग्रुप की बैठक में कर दिया। बैठक दिल्ली में गुरुवार को हुई। यह पहला मौका है, जब संघ के पदाधिकारी बैठक में मौजूद रहे। इसमें संघ के एजेंडे पर मंत्रियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट पर चर्चा की गई। बैठक में खरगोन दंगे का मुद्दा भी छाया रहा। इस पर तय हुआ कि दंगाइयों पर उत्तर प्रदेश की तरह कार्रवाई की जाए। यानी मिशन 2023 का एजेंडा हार्डकोर हिंदुत्व होगा।
सरकार तभी बनेगी, जब कोई एजेंडा होगा: खास बात है कि बैठक में सत्ता-संगठन पर संघ हावी रहा। पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने सख्त तेवर दिखाए। उन्होंने पूछा- चुनाव में महज डेढ़ साल बचे हैं। चुनाव का एजेंडा क्या है? जिसे लेकर जनता के बीच में जाएं? केवल सरकार की योजनाओं का लाभ देना काफी नहीं है। सरकार तभी बनेगी, जब किसी एजेंडे को लेकर जनता के बीच में लाएं। लच्छेदार बातों से सरकार नहीं बनती। पहली बार कोर ग्रुप की बैठक में संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार के अलावा तीनों प्रांत मध्य भारत, महाकौशल और मालवा के प्रचारक भी मौजूद रहे।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बोले- सत्ता-संगठन समन्वय से काम करे: पार्टी सूत्रों ने दावा किया है कि बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हुए, लेकिन वे पूरे समय मौजूद नहीं रहे। नड्डा ने कहा कि सत्ता और संगठन को समन्वय से काम करना चाहिए, जबकि राष्ट्रीय संगठन महामंत्री ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर सवाल-जवाब किए। बीएल संतोष के सवाल पर सरकार की तरफ से जनकल्याण की योजनाओं की जानकारी दी गई। जबकि संगठन की तरफ से बताया गया कि बूथ लेवल तक क्या तैयारियां हैं। बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, संगठन के महामंत्री हितानंद शर्मा, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा मौजूद थे।
शिकायत पर असर… बेलगाम अफसर अगले महीने पद से हटेंगो: बैठक में अरुण कुमार ने भ्रष्टाचार पर सख्ती करने को कहा। उन्होंने भ्रष्टाचार के कुछ उदाहरण देकर बताया कि ब्यूरोक्रेसी बेलगाम है। कुछ नेताओं ने भी ऐसे अफसरों की शिकायत की है। तय हुआ कि अगले महीने इन्हें हटा दिया जाएगा। इनके नाम भी मांगे गए हैं।