राष्ट्रीय

संसद भवन के सेंट्रल हॉल में याद किए गए संगमा

नई दिल्ली, 01 सितंबर। राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश ने गुरुवार को लोक सभा के पूर्व अध्यक्ष पी ए संगमा की जयंती के अवसर पर संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर लोक सभा और राज्य सभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर पी ए संगमा द्वारा लिखी गई और उनसे संबंधित संसद ग्रंथालय में उपलब्ध पुस्तकों की प्रदर्शनी संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में लगाई गई। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले विशिष्टजनों को लोक सभा सचिवालय द्वारा हिंदी और अंग्रेजी में प्रकाशित पी ए संगमा के जीवनवृत्त वाली पुस्तिका भी भेंट की गई।

01 सितंबर 1947, को मेघालय के पश्चिम गारो हिल्स जिले के चपाहाती गांव में जन्मे संगमा बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे और राजनीति में आने से पहले वे प्राध्यापक, अधिवक्ता और पत्रकार के रूप में कार्य कर चुके थे। 23 मई 1996 को सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों ने उन्हें सर्वसम्मति से 11वीं लोकसभा का अध्यक्ष चुना।

अध्यक्ष के रूप में उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि वाद विवाद के उत्तेजना पूर्ण क्षणों के दौरान भी सदस्य नियमों का पालन करें। उनका मानना था कि संसदीय लोकतंत्र का अर्थ है स्वतंत्र वाद विवाद, निष्पक्ष विचार-विमर्श तथा स्वस्थ आलोचना और अध्यक्ष के रूप में उन्हें यह सुनिश्चित करना था कि यह उद्देश्य पूरे हो। लोक सभा में 9 बार निर्वाचित होने के अलावा संगमा ने गृह, वाणिज्य, उद्योग, श्रम, सूचना और प्रसारण और कोयला जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों में केंद्रीय मंत्री का पदभार भी संभाला। संगमा का निधन 4 मार्च 2016 को हो गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker