गांधीजी की कर्मभूमि चंपारण आने की मन में थी इच्छा: संजीव प्रकाश शर्मा
मोतिहारी,17दिसबंर। चंपारण मंडल के निरीक्षी न्यायाधीश बनने के बाद से ही गांधीजी की कर्मभूमि चंपारण आने की इच्छा थी, जो आज पूरा हो गया। यहां आकर मैं अपने को काफी गौरवांन्वित महसूस कर रहा हूं। मैं 30 वर्षाें तक अधिवक्ता पेशा से जुड़े रहने के बाद न्यायाधीश बना हूं। मैं अधिवक्ताओं के समस्याओं को अच्छे से समझता हूं। आज भी मैं मन से अधिवक्ता ही हूं। उक्त बातें शनिवार को जिला विधिज्ञ संघ के कैफी हॉल में आयोजित अपने सम्मान समारोह में अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए चंपारण मंडल के निरीक्षी न्यायमूर्ति सह उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने कही।
उन्होने अधिवक्ताओं को आश्वत किया कि संघ द्वारा बताएं गये अधिवक्ताओं की समस्याओं को पूरा करने का उनके द्वारा भरपूर प्रयास किया जायेगा। न्यायमूर्ति संजीव प्रकाश शर्मा व जिला जज परशुराम सिंह यादव को संघ की ओर से बिहार स्टेट बार काउंसिल के को-चेयरमैन राजीव कुमार द्विवेदी, संघ के अध्यक्ष कामाख्या नारायण सिंह व महासचिव डॉ. नरेंद्र देव ने बुके व चादर ओढ़ाकर अभिनंदन किया। संघ के अध्यक्ष कामाख्या नारायण सिंह ने अधिवक्ताओं के बैठने के लिए आवंटित जमीन की स्वीकृति देने, अधिवक्ता हॉल निर्माण कराने, बाथरूम, स्टैंड की व्यवस्था, टाईपिस्ट को एक जगह शेड बनाकर बैठाने की व्यवस्था आदि समस्याओं से निरीक्षी न्यायमूर्ति को अवगत कराया।
न्यायमूर्ति ने व्यवहार न्यायालय में फलदार पौधरोपण कर पर्यावरण व स्वच्छता का दिया संदेश भी दिया।व्यवहार न्यायालय परिसर में न्यायमूर्ति ने आम के वृक्ष के पौधों का रोपन कर न केवल पर्यावरण व स्वच्छता का संदेश दिया, बल्कि न्यायालय परिसर को स्वच्छ रखने के लिए कड़ा निर्देश भी दिया। पान, गुटखा, तंबाकू खाकर न्यायालय भवन या अन्य जगहों पर गंदा करने वालों को दंडित करने तथा निगरानी के लिए सीसीटीवी लगाने का निर्देश भी दिया। निरीक्षण के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल से जेल में बंद कैदियों की हालत व अन्य प्रतिवेदन से संबंधित बातो की जानकारी लिया।