संस्कृत पूर्ण रूप से वैज्ञानिक भाषा : प्रोफेसर रहस बिहारी
-“संस्कृत भाषा में ज्ञान विज्ञान वैशिष्ट्य“ विषय पर वेबीनार का आयोजन
लखनऊ, 13 अगस्त। संस्कृत भाषा और साहित्य के सुविख्यात विद्वान और रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के संस्कृत विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष महामहोपाध्याय प्रोफेसर रहस बिहारी द्विवेदी ने शनिवार को यहां कहा कि संस्कृत पूर्ण रूप से वैज्ञानिक और परिष्कृत भाषा है। उन्होंने कहा कि दुनिया की अन्य भाषाओं में संस्कृत जैसी विशेषता देखने को नहीं मिलती है।
प्रोफेसर रहस बिहारी द्विवेदी आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत नवयुग कन्या महाविद्यालय लखनऊ के संस्कृत विभाग द्वारा “संस्कृत भाषा में ज्ञान विज्ञान वैशिष्ट्य“ विषय पर आयोजित वेबीनार को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर हे थे। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा सभी भाषाओं की जननी है। यह देव भाषा है और आजादी के अमृत महोत्सव में इस भाषा को भी अमृत्तुल्य समझना चाहिए क्योंकि यह अजर, अमर और देववाणी है।
उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा के अध्ययन से मनुष्यों में कर्तव्य बोध एवं राष्ट्रीय भावना का विकास होता है। उन्होंने बताया कि हमारे वेद -वेदांग ज्ञान विज्ञान से भरे हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत का विज्ञान वैज्ञानिकता से पूर्णतया ओतप्रोत है। संस्कृत में ही पूरे राष्ट्र की राष्ट्रीय एकता एवं सद्भावना तथा वैश्विक मंगल कामना का भी वर्णन प्राप्त होता है। साथ ही संस्कृत भाषा भारतीय संस्कृति की परिचायक है।
वेबीनार की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय ने कहा कि संस्कृत भाषा ही हमारे ज्ञान और विज्ञान का स्रोत है। इस भाषा का प्रयोग कंप्यूटर में भी किया जा रहा है क्योंकि कंप्यूटर के लिए सबसे सटीक, स्पष्ट, वैज्ञानिक और तकनीकी भाषा संस्कृत ही है।
कार्यक्रम का संचालन नवयुग कन्या महाविद्यालय लखनऊ के संस्कृत विभाग की सहायक आचार्य डॉक्टर वंदना द्विवेदी द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन एसोसिएट प्रोफेसर सस्कृत डाक्टर रीता तिवारी ने किया।
वेबीनार में प्रोफेसर संतोष कुमार शुक्ला जेएनयू नई दिल्ली से, डॉ देवेश कुमार मिश्रा इग्नू नई दिल्ली से, डॉक्टर योगेंद्र कुमार नेशनल पीजी कॉलेज बड़हलगंज, धर्मेंद्र गुप्ता प्रभारी प्राचार्य श्रावस्ती से, डॉ गीता शुक्ला लखीमपुर से, डॉ रेखा शुक्ला, डॉक्टर चंद्रकांत दत्त शुक्ला गोहना मऊ से तथा डॉ जितेंद्र शुक्ला राजस्थान से, डॉक्टर अवधेश कुमार पांडे आजमगढ़ से आनलाइन प्रतिभाग किया।