भगवान का वांग्मय रूप है श्रीमद् भागवत-प . गोखलेजी महाराज
नवादा, 17 सितम्बर। मशहूर कथावाचक पंडित गोखलेश शास्त्री जी महाराज ने कहा है कि भगवान का वांग्मय रूप है श्रीमद् भागवत ।जिसकी कथा सुनने से ही समस्त पापों का नाश होकर जीवों का उद्धार हो जाता है ।वे नवादा के गांधी मैदान में पितृ पक्ष के अवसर पर सात दिवसीय कथा के शुभारंभ के अवसर पर बोल रहे थे ।उन्होंने कहा कि जीवन में मनुष्य को व्यभिचार ,चोरी ,नशा, हिंसा ,झूठ जैसे पंच पापों से बचना चाहिए ।तभी मानव ध्यान भजन कर ईश्वर को प्राप्त करेगा ।
उन्होंने कहा कि तन काम में तथा मन राम में की तर्ज पर जीवन जीना चाहिए। भगवान श्री कृष्ण ने गीता में मानव जीवन के उद्धार के रहस्य को प्रतिपादित किया है ।ताकि मानव दुखों से छूटकर परम तत्व को प्राप्त कर ले। उन्होंने पितृ दोष के रहस्य का बखान करते हुए उससे छुटकारे के भी उपाय बताएं ।इस अवसर पर शिक्षाविद डॉ आर पी साहू ,पत्रकार डॉ साकेत बिहारी ,भाजपा के गोविंदपुर के पूर्व प्रत्याशी रंजीत यादव ,मिथिलेश पांडे सहित भारी संख्या में समाज के सभी वर्गों के लोग उपस्थित थे ।
पंडित गोखले शास्त्री जी महाराज के साथही वृंदावन धाम के कलाकारों ने गीत संगीत प्रस्तुत कर श्रोताओं को बागबाग कर दिया ।श्रीमद् भागवत कथा श्रवण के फ़लो पर भी विशेष चर्चा की गई ।उन्होंने कथा सुनकर उद्धार के कई उदाहरणों को भी पेश करते हुए मानवों को साधना में रुचि रखने के लिए प्रेरित किया। यजमान के रूप में पूर्व मुखिया आशुतोष कुमार सिंह ने हिस्सा लिया।