हरियाणा

श्रीमद्भागवत सिखाती है बेहतर जीवन जीने की कला, वर्तमान समय में बढ़ गई इसकी प्रासंगिकता- भानु प्रताप

– सांसद रमेश कौशिक व पूर्व मंत्री कविता जैन ने भी जागृति धाम मंदिर में चल रहे श्रीमद्भागवत ज्ञान महायज्ञ में शामिल होकर संतजनों का लिया आशीर्वाद


– सेक्टर-15 स्थित जागृति धाम मंदिर में श्रीमद्भागवत ज्ञान महायज्ञ हो रहा भव्य आयोजन


सोनीपत, 21   सितंबर । सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय भारत सरकार के  केंद्रीय राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा शहर के सेक्टर-15 स्थित जागृति धाम मंदिर में चल रहे श्रीमद्भागवत ज्ञान महायज्ञ में शिरकत करने विशेष रूप से पहुंचे । उन्होंने श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण किया और वृंदावन से पहुंचे कथावाचक स्वामी सियाराम शरण जी महाराज का आशीर्वाद भी लिया। इस मौके पर उनके साथ सांसद रमेश कौशिक, पूर्व मंत्री कविता जैन, भाजपा के जिलाध्यक्ष तीर्थ राणा, आजाद सिंह नेहरा, माईराम कौशिक, रविंद्र दिलावर, नीरज आत्रेय आदि ने भी यहां पहुंच कर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण किया ।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण गुणों की खान है जो मनुष्य को बेहतर जीवन जीने की कला सिखाती है। इसके श्रवण मात्र से मनुष्य को पापों से मुक्ति मिलने के साथ उनका जीवन सुखमय होता है।  श्रीमद्भागवत साक्षात मोक्ष का साधन है। उन्होंने कहा कि हमें श्रीमद्भागवत की कथा का श्रवण करना चाहिए एवं दूसरों को इस कथा को सुनने के लिए प्रेरित करना चाहिए।  इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद के रोहतक विभाग मंत्री आदित्य रोहिल्ला , कथा आयोजक महावीर गर्ग, विश्व हिन्दू परिषद के जिला उपाध्यक्ष पवन गर्ग, जिला महामंत्री सुभाष गुप्ता, भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रेखा गर्ग, भाजपा के जींद जिला विस्तारक सुशील बाल्यान, सुदेश गर्ग, राजेंद्र गर्ग, बिजेंद्र गर्ग सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे ।

श्रीमद्भागवत कथा में सुनाया ध्रुव चरित्र का वर्णन :
इस अवसर पर कथा वाचक स्वामी सियाराम शरण जी महाराज ने कथा में पहुंचे श्रद्धालुओं को भक्त ध्रुव के चरित्र का वर्णन सुनाया। उन्होंने कहा कि भक्ति के लिए उम्र की कोई बाधा नहीं है। हालांकि, भक्ति को बचपन में ही करने की प्रेरणा देनी चाहिए, क्योंकि बचपन कच्ची मिट्टी की तरह होता है। उसे जैसा चाहे वैसा पात्र बनाया जा सकता है। स्वामी सियाराम शरण जी महाराज ने इस मौके कहा कि कलयुग में भगवान की प्राप्ति का सबसे सरल किंतु प्रबल साधन उनका नाम-जप ही बताया गया है। श्रीमद्भागवत का कथन है कि सतयुग में भगवान के ध्यान (तप) द्वारा, त्रेतायुग में यज्ञ-अनुष्ठान के द्वारा, द्वापर युग में पूजा-अर्चना से जो फल मिलता था, कलियुग में वह पुण्यफल श्री हरि के नाम-संकीर्तन मात्र से ही प्राप्त हो जाता है। कथा सुनने के लिए बुधवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी । संगीतमय कथा के साथ ही बिहारी शरण दास जी महाराज के भजन सुनकर श्रद्धालुगण भक्ति रस से सराबोर होकर झूमते नजर आए ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker