हरियाणा में साइबर अपराधों की रोजाना मिल रही करीब आठ हजार शिकायतें: सन्नी त्यागी
सेमिनार में शिरकत करती हुई छात्राएं।
जीवीएम में साइबर सिक्योरिटी एंड साइबर क्राइम रिपोर्टिंग विषय पर हुआ सेमिनार का आयोजन
सोनीपत, 25 जून(संजीव कौशिक )
छात्राओं को साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसने से बचाने के उद्देश्य से जीवीएम गल्र्स कालेज में शनिवार को आजादी का अमृत महोत्सव के तहत साइबर सिक्योरिटी एंड साइबर क्राइम रिपोर्टिंग विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें विषय विशेषज्ञ सन्नी त्यागी ने साइबर अपराधों से संरक्षण के उपायों की जानकारी दी। संस्था के प्रधान डा. ओपी परूथी व प्राचार्या डा. रेनू भाटिया ने सफल आयोजन की बधाई देते हुए कहा कि साइबर अपराध ज्वलंत विषय है, जिससे बचाव के लिए जानकारी व जागरूकता जरूरी है।
आजादी का अमृत महोत्सव की श्रंखला में जीवीएम की ई-लर्निंग सेल के तत्वावधान में आयोजित सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल सन्नी त्यागी ने छात्राओं को प्रोत्साहित किया कि वे स्वयं भी साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट बन सकती हैं, जिसके लिए जानकारी जरूरी है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में साइबर अपराधों की रोजाना करीब आठ हजार शिकायतें मिल रही हैं। ऐसी स्थिति में हेल्पलाइन नंबर-1930 पर शिकायत दर्ज करायें।
साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल सन्नी त्यागी ने कहा कि हमेशा डंप आधार कार्ड का प्रयोग करना चाहिए। हमें अपने आधार कार्ड की फोटो प्रति ऐसे ही किसी को नहीं देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि एटीएम का भी क्लोन बनाया जा सकता है। इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से पैसों के लेन-देन में गड़बड़ी की आशंकाएं रहती हैं, जिसमें विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए। विभिन्न प्रकार ऐप्स का प्रयोग भी पूर्ण एहतियात के साथ करना चाहिए। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी अपनी निजी जानकारियां शेयर न करने की बात कही।
मुख्य वक्ता ने साइबर धोखाधड़ी को प्रायोगिक रूप में दिखाते हुए बचाव की जानकारी भी दी। उन्होंने लोगों को मूर्ख बनाने वाले तरीकों की भी जानकारी दी। उन्होंने एक वेबसाइट के माध्यम से दिल्ली से लंदन का फेक बोर्डिंग पास भी बनाकर दिखाया। उन्होंने ट्राई की भी विस्तृत जानकारी दी। साथ ही उन्होंने एसएमएस आने के सोर्स का पता लगाने की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभिभावकगण अपने बच्चों पर किस प्रकार से नजर रख सकते हैं। साथ ही उन्होंने साइबर अपराधों की जानकारी भी देते हुए खुद के संरक्षण के उपाय भी सुझाये। उन्होंने वास्तविक जीवन की घटनाओं के उदाहरणों से समझाने का सफल प्रयास किया।