शिक्षक देश का महत्वपूर्ण अंग, बच्चों को बनाता है संस्कारवान : मेनका गाँधी
-मेनका गांधी बोली, 60 वर्षों बाद भी नहीं भूल पाई अपने सर्वश्रेष्ठ शिक्षक को
-शिक्षक दिवस पर सांसद मेनका ने शिक्षकों को किया सम्मानित
सुलतानपुर, 05 सितम्बर। सांसद मेनका गांधी ने कहा कि शिक्षकों में किताबी ज्ञान से इतर होकर बच्चों को नैतिक सुसंस्कारवान बनाने का उद्देश्य होना चाहिए। कहा शिक्षक देश का महत्वपूर्ण अंग होता है। बच्चों में ज्ञान का दीपक जलाने में जो शिक्षक सफल हो जाएंगे, वह बच्चों की दुनिया बदलने में कामयाब हो जाएंगे।
सांसद ने सोमवार को शहर के रामनरेश त्रिपाठी सभागार एवं बझना गांव में स्थित संकट मोचन एसएस इंटर कॉलेज में आयोजित शिक्षक दिवस के कार्यक्रम में शिक्षकों को प्रमाणपत्र, अंगवस्त्र आदि देकर सम्मानित किया। उन्होंने राज्यपाल द्वारा पुरस्कृत शिक्षिका वंदना यादव को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने मेधावी छात्राओं को साइकिल का भी वितरण किया। उन्होंने कहा कि 60 वर्षों बाद भी वह अपने सर्वश्रेष्ठ शिक्षक को भूल नहीं पाई है। आज वह जो कुछ भी है उनकी दी गई शिक्षा के कारण ही हैं।
मेनका गांधी ने इसके पहले जनचौपाल में लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आपका काम करना और आपको खुश देखना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। आप सब हमारे परिवार के लोग हो, हम सबका कल्याण करना चाहते हैं। उन्होंने शास्त्रीनगर आवास पर प्रातः 7 बजे से जनता दरबार लगाकर सैकड़ों लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए अधिकारियों को फोन किया। अधिकारियों से फोन पर वार्ता कर समस्याओं को निस्तारित करने के लिए निर्देशित किया।
पुरस्कृत शिक्षिका वंदना यादव ने कहा कि बेसिक शिक्षा में आने वाली समस्याओं को सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से ही दूर किया जा सकता है। उनके विद्यालय का हर शिक्षक अभिभावकों से निरंतर संवाद बनाए रखता है। जिसके कारण आज उनके विद्यालय में आसपास के 11 गांव के छात्र अध्ययन कर रहे हैं। यही नहीं विद्यालय की बेहतर शिक्षण व्यवस्था के कारण कई निजी विद्यालयों का संचालन भी बंद हो गया है। सांसद के साथ प्रतिनिधि रणजीत कुमार, पूर्व विधायक अर्जुन सिंह,मीडिया प्रभारी विजय सिंह रघुवंशी, ब्लाक प्रमुख प्रात्येश सिंह बंटी व चंद्र प्रताप सिंह, सभाजीत पांडे, संदीप पांडे, संजीव तिवारी, राघवेंद्र श्रीवास्तव, पन्नालाल जयसवाल, अरविंद वर्मा,सुभाष सिंह, राजमणि मौर्या, श्याम राज, मो.अनवर खान आदि मौजूद रहे।