वैश्विक स्तर पर स्वीकार किया जा रहा है डीसीआरयूएसटी, मुरथल की शैक्षणिक गुणवत्ता को
फिजिकल केमिस्ट्री के अनुभव ढूल का हुआ अमेरिका के तीन विश्वविद्यालयों में पीएचडी में एडमिशन
वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी से ढूल करेगा पीएचडी, 35 लाख रुपए की मिलेगी वार्षिक स्कॉलरशिप
सोनीपत, 4 जुलाई। दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,मुरथल की शैक्षणिक गुणवत्ता को वैश्विक स्तर पर स्वीकार किया जाने लगा है। केमिस्ट्री विभाग के फिजिकल केमिस्ट्री के विद्यार्थी का अमेरिका के तीन विश्वविद्यालयों में पीएचडी में एडमिशन हुआ है। अनुभव ढूल को प्रतिवर्ष 35 लाख रुपए स्कॉलरशिप मिलेगी।
डीसीआरयूएसटी,मुरथल का केमिस्ट्री विभाग शोध कार्यों के लिए विख्यात है। विश्वविद्यालय के केमिस्ट्री विभाग में एडमिशन के लिए बहुत ज्यादा आवेदन आते हैं।केमिस्ट्री विभाग में गत पांच वर्षों में अब तक 45 विद्यार्थियों का नेट या जेआरएफ हो चुका है। विश्वविद्यालय ने पांच वर्षीय बीएससी –एमएससी पाठ्यक्रम को इस प्रकार से बनाया गया है ताकि वे स्नातकोत्तर स्तर पर प्रोजेक्ट कर सकें, ताकि उन्हें उच्च शिक्षा के लिए वैश्विक स्तर पर प्रवेश आसानी से मिल सके तथा शोध करने में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। अब तक विभाग के तीन विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षा में श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्कालरशिप भी मिल चुकी है।
विश्वविद्यालय से फिजिकल केमिस्ट्री में एमएससी करने वाले अनुभव ढूल का प्रतिभा के बल पर अमेरिका के तीन विश्वविद्यालयों में पीएचडी में एडमिशन हुआ है। स्टेट यूनिवर्सिटी न्यूयॉर्क, यूनिवर्सिटी ऑफ मसूरी व वाशिंगटन स्टेट विश्वविद्यालय में प्रतिभा के बल पर पीएचडी में एडमिशन हुआ था, लेकिन ढूल ने वाशिंगटन स्टेट विश्वविद्यालय को पीएचडी के लिए चुना है। ढृल को प्रतिवर्ष लगभग 35 लाख रुपए की वार्षिक स्कॉलरशिप मिलेगी। अगस्त 2022 से अभिनव वाशिंगटन स्टेट विश्वविद्यालय में पीएचडी का कार्य प्रारंभ करेगा।
डीसीआरयूएसटी में दिया जाता है शैक्षणिक गुणवत्ता पर ध्यान: कुलपति प्रो.अनायत
कुलपति प्रो.राजेंद्रकुमार अनायत ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय की पहचान , वहां की शैक्षणिक गुणवत्ता व वहां हो रहे शोध कार्यों से होती है। विश्वविद्यालय का कार्य होता है ज्ञान पैदा करना, यह केवल शोध के माध्यम से ही संभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि शोध किसी भी विश्वविद्यालय के लिए रीड की हड्डी के समान होता है। विश्वविद्यालय में शोध की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाता है, यही कारण है कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में शोध करने का अवसर मिल रहा है।
कुलपति प्रो.अनायत ने ढूल को शुभकामनाएं देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि इससे दूसरे विद्यार्थियों को भी प्रेरणा मिलेगी।युवा शक्ति ही राष्ट्र को समृद्ध और विकसित करने में अपना अहम योगदान दे सकती है।
केमिस्ट्री विभाग में हैं 13 प्रयोगशालाएं : प्रो.लता
केमिस्ट्री विभागाध्यक्षा प्रो.सुमन लता ने कहा कि इस समय विभाग के पास 13 प्रयोगशालाएं हैं। प्रयोगशालाओं में नवीनतम उपकरणों से युक्त हैं , ताकि शोध कर रहे शोधार्थियों के शोध गुणवत्ता परक हों। उन्होंने कहा कि कुलपति प्रो.अनायत ने प्रयोगशालाओं में नवीनतम उपकरणों के सदुपयोग पर विशेष जोर दिया है। गत दिनों भी कुलपति प्रो.अनायत ने एक नवीनतम उपकरणों से युक्त प्रयोगशाला का उद्घाटन किया था।