‘स्वातन्त्र्य-समर में इलाहाबाद का शंखनाद’ ज्ञान का सागर : अरविन्द चौहान
-’स्वातन्त्र्य-समर में इलाहाबाद का शंखनाद’ का लोकार्पण, 16 लेखक-लेखिकाएं सम्मानित
प्रयागराज, 07 नवम्बर । मैने इतनी पुस्तकें पढ़ी, उसके बाद भी जब इस पुस्तक को पढ़ा तब लगा, मुझे इलाहाबाद के बारे में बहुत कुछ नहीं मालूम। ’स्वातन्त्र्य-समर में इलाहाबाद का शंखनाद’ ज्ञान का सागर है।
यह बातें प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के उपाध्यक्ष अरविन्द चौहान ने सोमवार को प्राधिकरण के कॉन्फ्रेंस हॉल मे ’स्वातन्त्र्य-समर मे इलाहाबाद का शंखनाद’ नामक क्रान्ति गाथात्मक कृति के लोकार्पण समारोह मे कही। उन्होंने आगे कहा कि यह पुस्तक तभी सार्थक होगी, जब आप इसका भली-भांति प्रचार-प्रसार करेंगे। इस पुस्तक का अनेक भाषाओं मे अनुवाद हो जाये तो इसकी उपयोगिता और महत्ता और बढ़ जायेगी।
पीडीए के सचिव अजीत सिंह ने कहा कि एक विशेषीकृत पुस्तक का लेखन और सम्पादन कष्टसाध्य और श्रमसाध्य कार्य है। इस पुस्तक को अन्तिम रूप देने तक में बहुत कठिनाइयां आती रहीं। परन्तु जिस जीवटता के साथ आचार्य पं. पृथ्वीनाथ पाण्डेय लगे रहे, वह इस कृति का सकारात्मक पक्ष रहा। इस पुस्तक का एक-एक लेख प्रामाणिकता की कसौटी पर खरा उतरता दिख रहा है, जो शोधार्थियों के लिए अति सहायक सिद्ध हो सकता है।
भाषाविज्ञानी और समीक्षक आचार्य पं पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने कहा कि निःस्सन्देह यह पुस्तक इलाहाबाद के स्वाधीनता-आन्दोलन का एक जीवन्त दस्तावेज है। इस पुस्तक के प्रकाशन में तत्कालीन मण्डलायुक्त संजय गोयल की प्रमुख भूमिका रही है। हम यदि आजादी की लड़ाई से ’इलाहाबाद’ को हटा दें तो 90 प्रतिशत का अभाव दिखेगा। यहां के ख़ुसरोबाग, क़िला, स्वराज भवन तथा आनन्द भवन देश में समग्र क्रान्ति के संवाहक रहे हैं। आकाशवाणी और दूरदर्शन के निदेशक डॉ. लोकेश शुक्ल ने कहा कि हम एक थे, एक हैं और एक रहेंगे।
इस अवसर पर 16 लेखक-लेखिकाओं को शॉल, स्मृति चिह्न तथा पुस्तक प्रदान कर ’क्रान्तिधर्मी सारस्वत सम्मान से आभूषित किया गया। सम्मानित होने वालों में अमित राजपूत, डॉ. अनुपमा सिंह, डॉ. मुदिता तिवारी, डॉ. धारवेन्द्र प्रताप त्रिपाठी, डॉ. अर्चना सिंह, उर्वशी उपाध्याय, अमरनाथ झा, उदयनारायण सिंह, डॉ. पूर्णिमा मालवीय, डॉ. प्रदीप चित्रांशी, आनन्द नारायण पाठक ’अभिनव’, अनवार अब्बास नकवी, मंसूर आलम खां ’मनियाँवी’, कंजिका पाण्डेय, ईश्वर शरण शुक्ल तथा आचार्य पं. पृथ्वीनाथ पाण्डेय रहे। स्वतन्त्रता सेनानी मो. लियाक़त अली के प्रपौत्र सैय्यद काजी नासिर को शॉल, प्रतीक चिह्न तथा पुस्तक भेंटकर सम्मान किया गया।
इसके पूर्व दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती की मूर्ति पर माल्यार्पण कर पीडीए उपाध्यक्ष अरविन्द चौहान, सचिव अजित सिंह तथा सम्पादक आचार्य पं. पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने समारोह का उद्घाटन किया। उसके बाद मुख्य अतिथि ने बहुरंगी पुस्तक का लोकार्पण किया। समारोह का संचालन साहित्यकार स्तम्भकार फतेहपुर के अमित राजपूत ने किया। इस अवसर पर रणविजय निषाद, बंशीधर मिश्र, विजयलक्ष्मी ’विभा’, केशव सक्सेना, चेतना प्रकाश ’चितेरी’, अमन जायसवाल, गरिमा यादव, पवनेश चठारिया, विनीत द्विवेदी, महराजदीन पाण्डेय सहित साहित्यकार, कवियों तथा अन्य की उपस्थिति रही।