काशी में पूजा पंडालों में पहुंचीं वाग्देवी की प्रतिमाएं, गुरुवार को होगी पूजा
वाराणसी, 25 जनवरी। बंसत पंचमी पर्व पर गुरुवार को नगर के पूजा पंडालों और शैक्षणिक संस्थानों में मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना होगी। पूजा पंडालों में सजावट के साथ पूजा की तैयारियां बुधवार को दिनभर चलती रहीं। अपराह्न बाद पंडालों में जयकारे के बीच मां वाग्देवी की प्रतिमाएं पहुंचती रहीं। देर शाम तक यह क्रम बना रहा।
मूर्तिकारों के यहां से प्रतिमा लाते समय युवाओं का उत्साह देखते बन रहा था। पंडालों में मूर्तियों को ढंक कर लाया जा रहा था। पहाड़ पर वीणा वादन करतीं मां सरस्वती, भगवान कृष्ण की माखन लीला और यशोदा मइया के साथ मां सरस्वती की प्रतिमा, नवजात रूप में भगवान कृष्ण को माथे पर बैठाकर यमुना पार कराते वासुदेव और बारिश से बचाते शेषनाग के साथ देवी सरस्वती की प्रतिमा पंडालों में बच्चों में आकर्षण बनी रही। कई पंडालों में मां सरस्वती के साथ गणेश जी की मूर्तियां भी दिखीं। कहीं-कहीं भारत माता के साथ मां सरस्वती की प्रतिमा भी दिखी। पूजा समितियों के पदाधिकारी अपनी देखरेख में मूर्तियों को पंडालों में लाते रहे। घरों में भी पूजन के लिए छोटे आकार की मां सरस्वती की प्रतिमाओं के लिए शहर के सुंदरपुर, लंका, महमूरगंज, कमच्छा, लक्सा और दशाश्वमेध में बाजार खरीदारों से गुलजार रहे। गुरुवार सुबह से ही वैदिक अनुष्ठानों और हवन पूजन के बीच मूर्तियों में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। सरस्वती पूजा का समय सुबह 07.07 से दोपहर 12.35 तक है। इस बार बसंत पंचमी पर 5 शुभ योग भी है।