हिसार: ज्ञान-विज्ञान को जितना भी बढ़ाएंगे, देश उतना ही आगे बढ़ेगा : राज्यपाल
हिसार में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के रजत जयंती समारोह में पहुंचे महामहिम
दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के विद्यार्थी बने महामहिम राज्यपाल व उनके एडीसी, लिया दाखिला
हिसार। हरियाणा के राज्यपाल एवं गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि ज्ञान-विज्ञान को जितना भी बढ़ाएंगे, देश उतना ही आगे बढ़ेगा। संत महात्माओं के गौरव से स्फूर्ति लेकर भारत ज्ञान-विज्ञान के पथ पर चल कर आत्मनिर्भर बन रहा है। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार महान पर्यावरणविद गुरु जम्भेश्वर जी महाराज के नाम पर स्थापित है। यह विश्वविद्यालय ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दे रहा है। महामहिम राज्यपाल शुक्रवार को विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के 25 वर्ष पूरे होने पर आयोजित किए गए रजत जयंती समारोह संबोधित कर रहे थे।
चौधरी रणबीर सिंह सभागार में हुए इस समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव राज कम्बोज ने की। इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष रणबीर सिंह गंगवा व विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा उपस्थित रहे। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के तहत आज मौके पर ही एमबीए एचआर कोर्स में दाखिला लेकर वे विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के सत्र 2022-23 के पहले विद्यार्थी भी बने। उनके साथ उनके एडीसी मेजर जसदीप ने भी दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के तहत दाखिला लिया।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय प्रांगण में सर्वप्रथम पौधारोपण किया। तत्पश्चात दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के भवन का शिलान्यास किया। 4500 वर्गमीटर में बनने वाले इस त्रिमंजिला भवन पर लगभग 1167 लाख रूपये की लागत आएगी। यह भवन रिसेप्शन व इनक्वारी रूम, निदेशक, उपनिदेशक व सहायक निदेशक के लिए रूम, कान्फ्रेंस हाल, आठ शिक्षक रूम, चार कार्यलय सेक्शन, दो कंप्यूटर लैब, एक परीक्षा हाल, चार कक्षा रूम, एक मल्टीमीडिया रूम, एक ट्रेनिंग एंड प्लेसमैंट सैल, एक लाईब्रेरी, एक विजिटर रूम, सभी तलों पर स्टोर सहित सभी आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित होगा। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि गुरु जम्भेश्वर जी महाराज जी की शिक्षा है कि पेड़, पौधे, पहाड़, जमीन पशु व पक्षियों में संतुलन रखेंगे तो प्रकृति जिन्दा रहेगी। प्रकृति जिन्दा रहेगी, तो हम जिन्दा रहेंगे। आज जलवायु परिवर्तन वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौती है।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने यह भी कहा कि दूरस्थ शिक्षा, शिक्षा का अत्यंत उपयोगी माध्यम है। इससे समय व धन की बचत करते हुए विद्यार्थी डिग्री प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि दूरस्थ शिक्षा के तहत शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में आत्म प्रेरणा बहुत अधिक होती है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव राज कम्बोज ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह विश्वविद्यालय जहां अटल नवाचार उपलब्धि रैकिंग 2020 में 6-25 रैंक बैंड, वहीं टाइम्स हायर वर्ल्ड रैंकिंग यूके 2021 में अंतरराष्ट्रीय रैंक 800 से 1000 हासिल कर चुका है। दूरस्थ शिक्षा निदेशालय जन-जन की शिक्षा के सपने को पूरा कर रहा है।विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. ओपी सांगवान ने अपने स्वागत सम्बोधन में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय की गतिविधियों पर विस्तृत जानकारी दी।