पैंतीस प्रतिशत भारतीय उच्च रक्तचाप से पीड़ित: प्रो. नरसिंह वर्मा
– लखनऊ में होगा बीपीकान 2022 का आयोजन, देश-विदेश के 900 चिकित्सा विशेषज्ञ होंगे शामिल
लखनऊ, 08 सितम्बर। उच्च रक्तचाप एक ऐसी बीमारी है जिसे रोका जा सकता है। भारत में पैंतीस प्रतिशत भारतीय उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं। इनमें से केवल 10 प्रतिशत का रक्तचाप ही नियंत्रण में है। यह जानकारी इंडियन सोसायटी आफ हाइपरटेंशन के चेयरमैन डा. नरसिंह वर्मा ने गुरूवार को होटल क्लार्क अवध में आयोजित प्रेसवार्ता में दी।
डा. नरसिंह वर्मा ने बताया कि यह बीमारी विदेशों की तुलना में भारतवर्ष में कम उम्र पर हो जाती है। उच्च रक्तचाप से 70 प्रतिशत लकवा, 50 प्रतिशत हार्ट फेलियर और 30 प्रतिशत ह्रदयाघात की संभावना बढ़ जाती है।
लखनऊ में होगा बीपीकान 2022 का आयोजन
इंडियन सोसायटी आफ हाइपरटेंशन के महासचिव डा. अनुज माहेश्वरी ने बताया कि राजधानी लखनऊ स्थित साईंटिफिक कन्वेंशन सेन्टर में इंडियन सोसायटी आफ हाइपरटेंशन के तत्वावधान में तीन दिवसीए अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी बीपीकान 2022 आयोजन 09 से 11 सितम्बर के मध्य किया जा रहा है। इस बीपीकान में हाइपरटेंशन पर काम कर रहे देश-विदेश के करीब एक हजार चिकित्सा विशेषज्ञ शामिल होंगे। इस संगोष्ठी में 75 शोध पत्र प्रस्तुत किये जायेंगे।
डा. अनुज माहेश्वरी ने बताया कि वहीं हाइपरटेंशन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए 41 विशिष्ट चिकित्सकों को फेलोशिप प्रदान की जायेगी। इसके अलावा कार्यक्रम में युवा वैज्ञानिकों तथा चिकित्सकों को भी सम्मानित किया जायेगा।
युवाओं में भी तेजी से बढ़ रहा उच्च रक्तचाप
डा. अनुज माहेश्वरी ने बताया कि भारत में युवाओं में भी उच्च रक्तचाप तेजी से बढ़ रहा है। एक अध्ययन के अनुसार मेडिकल छात्र उच्च रक्तचाप से सबसे अधिक प्रभावित हैं। शैक्षिक प्रदर्शन का दबाव सीधे तौर पर तनाव पैदा करने वाले उच्च रक्तचाप से संबंधित पाया गया जो देर रात जागरण, गलत भोजन पैटर्न, बढ़ते वजन और पारिवारिक पृष्ठभूमि से जुड़ा हो सकता है। डा. अनुज ने बताया कि शारीरिक निष्क्रियता जनसंख्या के सभी वर्गों में उच्च रक्तचाप के सबसे महत्वपूर्ण कारणों में से एक है।