डीसीआरयूएसटी की तीन छात्राएं अमेरिका में करेंगी शोध
ज्ञान की नहीं होती है कोई भौगोलिक सीमा : कुलपति प्रो.अनायत
पीएचडी के दौरान छात्राओं को मिलेगी 32 लाख रुपए तक की स्कॉलरशिप
सोनीपत, 6 जुलाई। दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,मुरथल की भौतिकी विभाग की तीन छात्राओं का अमेरिका पीएचडी में एडमिशन हुआ है। पीएचडी के दौरान तीनों छात्राओं को 32 लाख रुपए तक की स्कॉलरशिप भी मिलेगी।
विभागाध्यक्ष प्रो.रजनी शुक्ला व डायरेक्टर रिसर्च प्रो.सतीश खासा ने बताया कि विधि का यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन से पीएचडी करेगी। विधि को 32 लाख रुपए की स्कॉलरशिप मिलेगी। यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ टेक्सास से विभाग की ही छात्रा शैलजा पीएचडी करेगी। पीएचडी के दौरान शैलजा को 22 लाख रुपए स्कॉलरशिप मिलेगी। उन्होंने कहा कि विभाग की श्वेता का यूनिवर्सिटी ऑफ प्यूर्टो रिको में पीएचडी में एडमिशन हुआ है। श्वेता को 16 लाख रुपए प्रतिवर्ष स्कॉलरशिप मिलेगी। श्वेता नैनो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में शोध करेंगे।उन्होंने कहा कि पीएचडी के दौरान तीनों छात्राओं की ट्यूशन व अन्य फीस नहीं देनी होगी।
कुलपति प्रो.राजेंद्रकुमार अनायत ने कहा कि ज्ञान की कोई भौगोलिक सीमा नहीं होती है। ज्ञान ही है जो बांटने से बढता है। विश्वविद्यालय का कार्य है ज्ञान पैदा करना। उन्होंने कहा कि शोधार्थी शोध करते समय पर्यावरण का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस प्रकार का शोध करें, जिससे मानव का जीवन सुगम, सरल बने तथा शोध कल्याणकारी हो।
कुलपति प्रो.अनायत ने कहा कि हमारे देश के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है। देश के युवा वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित कंपनियों में कार्यरत है। युवा किसी भी देश की दिशा व दशा में बदलने में सक्षम होते हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को शोध पर विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि हम आत्मनिर्भर होकर देश को समृद्ध बनाने में अपना योगदान दे सकें।