निशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आर्थिक रूप से दुर्बल व अलाभप्रद बच्चों के दाखिले का शेड्यूल जारी
नर्सरी, केजी व प्रथम कक्षा में दाखिले के लिए 16 से 25 अप्रैल तक होंगे आवेदन
गन्नौर। निशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आर्थिक रूप से दुर्बल व अलाभप्रद बच्चों के मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में नर्सरी, केजी व प्रथम के दाखिले को लेकर मौलिक शिक्षा निदेशालय की तरफ से आदेश जारी कर दिए गए हैं। निदेशालय के निर्देशानुसार निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से दुर्बल व अलाभप्रद बच्चों को नर्सरी, केजी व प्रथम कक्षा में शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए दाखिले दिए जाएंगे।
कार्यवाहक खंड शिक्षा अधिकारी सुरजीत सिंह ने बताया कि सभी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को अलाभप्रद व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए नर्सरी, केजी व प्रथम कक्षा में दाखिले के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रख कर सीटों की जानकारी 15 अप्रैल तक स्कूल के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करने के साथ ही स्कूल की वेबसाइट पर भी डालनी होगी। जिसके बाद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूलों में दाखिला के लिए 16 से 25 अप्रैल तक आवेदन करेंगे। 29 अप्रैल को लाटरी ड्रॉ के माध्यम से स्कूल बच्चों को अलॉट किए जाएंगे। 5 मई तक बच्चे स्कूलों में दाखिला ले सकेंगे। दाखिला न लेने पर आरक्षित रिक्त सीटों पर प्रतीक्षा सूची में रह गए बच्चों को 10 मई से 14 मई तक दाखिला दिया जाएगा।
आयु सीमा भी की निर्धारित कार्यवाहक खंड शिक्षा अधिकारी सुरजीत सिंह ने बताया कि निदेशालय द्वारा दाखिले के लिए बच्चे की आयु सीमा भी निर्धारित की गई है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए नर्सरी में दाखिला लेने के लिए आयु 31 मार्च 2022 तक बच्चे की आयु 3-5 वर्ष होनी चाहिए। इसी प्रकार केजी के लिए 4-6 वर्ष व प्रथम कक्षा के लिए 5-7 वर्ष होनी चाहिए। वहीं निशक्त वर्ग के लिए नर्सरी कक्षा में दाखिले के लिए 3-9 वर्ष, केजी के लिए 4 से 9 वर्ष व प्रथम कक्षा के लिए 5-9 वर्ष होनी चाहिए।- इन नियमों के तहत होगा दाखिला कार्यवाहक खंड शिक्षा अधिकारी सुरजीत सिंह ने बताया कि निदेशालय के आदेशानुसार मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में नर्सरी, केजी व प्रथम कक्षा तक अपनी कुल सीटों में से 25 प्रतिशत अलाभप्रद व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित रखनी होगी।
अलाभप्रद समूह के बच्चों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के बच्चे एवं निशक्त बालक शामिल हैं। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के अभिभावक और माता-पिता की वार्षिक आय परिवार पहचान पत्र में 1.80 लाख रुपए या उससे कम होनी चाहिए। अलाभप्रद समूह के बच्चों के अभिभावकों के लिए आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। अभिभावकों को अपना आवसीय पता व विद्यालय से आवासीय दूरी को दर्शाना होगा। उनका आवासीय क्षेत्र विद्यालय से 0-1 किलोमीटर के अंदर होना अनिवार्य है।