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सामाजिक पहल के जरिए दूर हो सकती है बेरोजगारी: सतीश कुमार

लखनऊ, 26 जून । देश की बेरोजगारी को सामाजिक पहल के जरिए दूर किया जा सकता है। कोरोना जैसी महामारी से चौपट हुए उद्योग धंधे और छटनी से मचे हाहाकार को स्टार्ट अप, कौशल विकास बखूबी दूर कर रहे हैं। स्वावलंबी भारत अभियान इस कड़ी में एक बड़ा कदम है। यह विचार स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह संगठक सतीश कुमार ने कही।

वह रविवार को लखनऊ के एसआर ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस में आयोजित स्वावलंबी भारत अभियान की उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड कार्यशाला के समापन के दौरान कही।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचारक अनिल ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि समाज को सशक्त बनाने के लिए आर्थिक सशक्तीकरण जरूरी है, इसके लिए युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित और तैयार करना होगा। इस कार्य के लिए सरकार और समाज दोनों की भागीदारी बहुत जरूरी है।

स्वदेशी जागरण मंच के पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय कुमार ने कहा कि ग्रामीण भारत को स्वावलंबी बनाने के लिए एफपीओ गठित करने होंगे। इनका गठन वास्तविक होना चाहिए, ताकि किसान भाई आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन सके। उन्होंने कहा कि कई कॉरपोरेट घराने या रसूखदार लोग योजनाओं को हाईजैक कर लेते हैं, दूसरे प्रदेश की कंपनियां फर्जी किसानों के नाम से सरकारी योजनाओं को लाभ उठा लेती हैं। इस प्रवृत्ति को हर हाल में रोकना होगा।

स्वावलंबी भारत अभियान के केंद्रीय टोली के सदस्य साविष्कार के राष्ट्रीय संयोजक क्रांतिसागर मोरे ने स्टार्टअप पर प्रकाश डाले और कहा कि स्टार्टअप के अंग्रेजी नाम से घबराने की जरूरत नहीं है। बहुत कम उम्र के युवा स्टार्टअप की बदौलत नौकरी ढूंढने की जगह सैकड़ों युवाओं को नौकरी दे रहे हैं।

अध्यक्षीय भाषण में आंध्र प्रदेश में के पूर्व डीजीपी राम तिवारी ने कहा कि स्वावलंबी भारत अभियान और ऐसी हर पहल को सकारात्मक दृष्टिकोण से लेने की जरुरत है। सरकारी नौकरियां नाम मात्र की हैं। इसलिए सरकार को कोसने की जगह उद्यमिता को बढ़ावा देना होगा। अभियान के तहत उ.प्र. और उत्तराखंड के हर जिले में उद्यमिता सम्मान समारोह के तहत 15 जुलाई से 21 अगस्त तक कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देने का संकल्प लिया गया।

विधान परिषद सदस्य पवन कुमार सिंह ने अतिथियों और कार्यकर्ताओं का आभार जताया। उन्होंने कहा कि सामाजिक जीवन के साथ संस्थान के सभी विद्यार्थियों को कुछ वर्ष नौकरी का अनुभव लेने के बाद खुद का उद्यम शुरू करने की सलाह देते हैं।

इस अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के क्षेत्र संगठन मंत्री घनश्याम शाही और प्रान्त संगठन मंत्री अंशुल श्रीवास्तव विशेष रूप से सहभागी रहे।

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