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 शिक्षा के महाकुंभ ‘ज्ञानोत्सव’ का 17 नवंबर को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर करेंगे उद्घाटन

नई दिल्ली, 14 नवंबर। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी 17 नवंबर को भारतीय कृषि संस्थान (पूसा) में तीन दिवसीय शिक्षा के महाकुंभ ‘ज्ञानोत्सव-2079’ का उद्घाटन करेंगे। ‘ज्ञानोत्सव’ का प्रमुख विषय शिक्षा से आत्मर्निभर भारत की संकल्पना पर आधारित है।

शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के सचिव अतुल कोठारी ने सोमवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ज्ञानोत्सव में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार, कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर भी शामिल होंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह अरुण कुमार और भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद के अध्यक्ष डॉ. विनय महखबुद्धे सहित विभिन्न केंद्रीय शिक्षा परिषदों तथा संस्थानों के प्रमुख उपस्थित रहेंगे। इस आयोजन में देशभर के लगभग 100 से अधिक विश्वविद्यालयों व शिक्षा संस्थानों के कुलपति व निदेशक तथा देशभर के 4000 से अधिक शिक्षक, प्रशासनिक अधिकारी, छात्र और अभिभावक सहभागिता करेंगे।

उन्होंने कहा कि ज्ञानोत्सव में विशेषज्ञों और छात्रों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी हिस्सा लेंगे, जो भारत में आवश्यक शैक्षिक सुधारों के लिए अपने सुझाव प्रस्तुत करेंगे। शिक्षा से छात्र, शिक्षण संस्थान एवं देश आत्मर्निभर बने इस पर विशेष रूप से चिंतन किया जाएगा। ज्ञानोत्सव के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा रही है, जिसमें देशभर के प्रतिभागियों की ऑनलाइन प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं। कार्यक्रम के दौरान विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे। देश में शिक्षा क्षेत्र से जुड़े अनूठे नवाचारों पर केंद्रित प्रदर्शनी ‘ज्ञानोत्सव’ एक अहम हिस्सा है। इस बार इस प्रदर्शनी में देशभर के विभिन्न हिस्सों के करीब 80 नवोन्मेषी शिक्षा संस्थान शामिल हो रहे हैं।

कार्यक्रम के संयोजक ओम शर्मा ने बताया कि इसमें शिक्षा के प्रत्येक घटक की समान रूप से सहभागिता रहेगी। विद्यालयी शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, कृषि शिक्षा और विधि शिक्षा सहित अन्य शिक्षा क्षेत्रों के साथ-साथ ‘शिक्षा से आत्मर्निभर भारत’ और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन से संबंधित मुद्दों पर तीन दिन में कुल 10 सत्रों में विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर के 5000 से अधिक विद्यार्थियों सहित आम लोग इसमें शामिल होंगे।

कार्यक्रम के पहले दिन 17 नवंबर को विद्यालयी शिक्षा पर चर्चा होगी। आयोजन समिति सदस्य अनिता शर्मा ने बताया है कि पहले दिन के प्रथम सत्र में आत्मर्निभर भारत से संबंधित नवाचार और नवोन्मेषी विद्यालय शिक्षा मंत्री के समक्ष अपना प्रस्तुतिकरण पेश करेंगे। विद्यालयी शिक्षक, विद्यार्थी व अभिभावकों के तीन अलग-अलग समानांतर सत्र भी आयोजित किए जाएँगे। कार्यक्रम के दूसरे दिन 18 नवंबर को उच्च व तकनीकी शिक्षा पर मंथन होगा।

आयोजन समिति की महासचिव डॉ. पंकज मित्तल ने बताया कि पहले सत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन व आत्मर्निभर भारत से संबंधित नवाचार करने वाले उच्च व तकनीकी शिक्षा संस्थानों का प्रस्तुतीकरण होगा। इसके पश्चात कुलपति व निदेशकों, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा दो समानांतर सत्रों में उपरोक्त विषय पर चिंतन किया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि तीसरे व अंतिम दिन 19 नवंबर को चिकित्सा, विधि व कृषि शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पक्ष को लेकर चर्चा की जाएगी।

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