दिल्ली

तीन दिन का विधानसभा अधिवेशन पूरी तरह गैरकानूनी: बिधूड़ी

नई दिल्ली, 11 जनवरी। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने विधानसभा का केवल तीन दिन का सत्र बुलाए जाने को गैरकानूनी करार दिया है।

बिधूड़ी ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि उन्होंने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से अनुरोध किया है कि तीन दिन के इस सत्र को रद्द करके नियमानुसार शीतकालीन अधिवेशन बुलाने का निर्देश दें जिसमें प्रश्नकाल और अन्य सारी कानूनी व्यवस्थाएं हों।

बिधूड़ी ने कहा कि विधानसभा का केवल तीन दिन का सत्र 16 जनवरी से बुलाने की सूचना भेजी गई है। नियमानुसार एक कैलेंडर वर्ष में तीन पूर्णकालिक अधिवेशन बजट अधिवेशन, मानसून अधिवेशन और शीतकालीन अधिवेशन बुलाना आवश्यक होता है लेकिन केजरीवाल सरकार ने इस बार शीतकालीन अधिवेशन नहीं बुलाया। यह नियम संसद द्वारा बनाया गया है और दिल्ली की विधानसभा पर भी लागू होता है।

अब विधानसभा की जो तीन दिन की बैठक बुलाई जा रही है उसे पिछले सत्र का ही अगला हिस्सा बना दिया गया है। यह पूरी तरह से नियम विरुद्ध है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि पिछला सत्र खत्म होने के बाद उसका सत्रावसान नहीं किया गया। अगर अधिवेशन समाप्त होता है तो उसका सत्रावसान करने की घोषणा की जाती है और यह सूचना उपराज्यपाल को भेजी जाती है। इसलिए अगला अधिवेशन बुलाते समय उपराज्यपाल की अनुमति लेना अनिवार्य होता है लेकिन जब से आम आदमी पार्टी की सरकार आई है, सत्रावसान के नियम का लगातार उल्लंघन हो रहा है ताकि उपराज्यपाल से अनुमति न लेनी पड़े।

बिधूड़ी ने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि वह पिछले अधिवेशन का सत्रावसान कराकर विधानसभा का पूर्णकालिक शीतकालीन अधिवेशन बुलाने का निर्देश दें। सरकार को यह भी निर्देश दें कि शीतकालीन अधिवेशन के लिए 15 दिन का नोटिस जारी किया जाए और उसमें प्रश्नकाल और अन्य सभी व्यवस्थाएं भी होनी चाहिए ताकि लोकतंत्र के नियमों का और परंपराओं का भली-भांति निर्वाह हो सके।

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